रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
         श्रीदुधेश्वरनाथ मठ मंदिर मे मनाई गुरु पूर्णिमा,आज देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है, हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. बता दें, गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, हिंदुओं में गुरुओं को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है, यहां तक कि गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त हैं क्योंकि गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधेरे से सही मार्क की ओर ले जाता है, इस वजह से देशभर में गुरु पूर्णिमा 2020 का पर्व कोराना माहामारी के कारण बेहद साधारण एवं सोशल डिस्टेंसिग के साथ से मनाया गया । हालांकि, इस साल कोरोनावायरस के कारण ज्यादातर लोगों को अपने सोशल मीडिया एवं घरों में रहकर वीडियोकोल पर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त कर ही गुरु पूर्णिमा मनाई गयीं श्रीमहंत नारायणगिरी जी महाराज ने बताया कि माना जाता है कि इस दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास अर्थात महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, महर्षि व्यास संस्कृत के महान विद्वान थे, महाभारत जैसा महाकाव्य उनके द्वारा ही लिखा गया था, सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को ही माना जाता है, साथ ही वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है,बता दें गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, हालांकि इस साल भी पिछले साल की तरह गुरु पूर्णिमा के दिन साधारण रूप से मनाई गई जिसमे सर्वप्रथम ,गुरू भगवान श्री दत्तात्रेय जी का गुरू पूजन किया , तदोपरान्त भगवान दूधेश्वर का अभिषेक पूजन किया ,ब्रह्मलीन सिद्ध गुरू मुर्ति समाधी श्रीमहन्त गौरी गिरि जी महाराज,ब्रह्मलीन सिद्ध सन्त इलायची गिरि जी महाराज,ब्रह्मलीन सिद्ध सन्त गरीब गिरि जी महाराज ,ब्रह्मलीन
सिद्ध सन्त श्री नित्यानन्द गिरि जी महाराज बंगाली दादा आदि सहित समस्त समाधिस्थ ब्रह्मलीन गुरुमुर्तियो का पूजन किया ,मन्दिर में स्थापित समस्त देव प्रतिमाओं का पूजन किया ,श्री दूधेश्वर गौशाला में जाकर गौ माता का पूजन करके गौ ग्रास (गुड रोटी) खिलाया , उसके पूज्य गुरुदेव का पूजन श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य व विद्यार्थीयो ने किया ,उसके बाद भक्तो के लिये गुरू पूजन प्रारंभ हुआ ,जिसमें कि भक्त 2 मीटर की दूरी से ‌ दूरी से से आशीर्वाद प्राप्त किया गया। सभी भक्तगणों ने सामान्य रुप से मनाई गई गुरु पुर्णिमा पर्व।
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