रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :-
       कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर को छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। आखिरी वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर में कराई जाएंगी। प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 के प्रसार के खतरे के मद्देनजर राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को छोड़कर बाकी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रोटोकॉल और दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए सितंबर के अंत तक ऑफलाइन यानी पेन और पेपर से अथवा ऑनलाइन या फिर मिश्रित तरीके से परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करा ली जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा फल 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि ये दिशानिर्देश विश्वविद्यालयों में पढ़ाये जा रहे कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि एवं कृषि विषयों के स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के बारे में ही है। इनमें इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स को नहीं जोड़ा गया है। इनकी परीक्षाओं के बारे में प्राविधिक शिक्षा विभाग निर्णय लेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र किसी वजह से अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उसे दूसरा मौका भी दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की सुविधा के अनुसार इस परीक्षा को आयोजित कराया जाएगा जिससे छात्रों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा या नुकसान ना हो। यह प्रावधान केवल चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए ही लागू होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष या द्वितीय सेमेस्टर के लिए प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय की गाइडलाइन कहती है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं।

उन्होंने कहा कि जहां आंतरिक मूल्यांकन की प्रविधि चल रही है वहां कुलपति इस पद्धति को अपना सकते है और अगर नहीं है, या वे हमारी प्रविधि को अपनाना चाहते हैं तो परीक्षाओं के सिलसिले में चार कुलपतियों की समिति द्वारा हाल में दी गयी रिपोर्ट के आधार पर सभी संकायों के प्रोन्नत प्रथम वर्ष के छात्र 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं में शामिल होंगे और संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अगर वे अलग-अलग विषयों में पास होते हैं तो द्वितीय वर्ष के सभी विषयों के प्राप्त अंकों का औसत अंक ही उनके प्रथम वर्ष के अवशेष प्रश्न पत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा लॉकडाउन से पहले कराई गई परीक्षाओं के घोषित परिणाम यथावत रहेंगे। कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन से पहले संपन्न कर ली गई थी लेकिन बाकी नहीं हो पाई थी, उनके मूल्यांकन के अंक अंतिम परिणाम में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी संकायों की विभिन्न कक्षाओं के वे सभी छात्र, जो 18 मार्च से पहले संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संपन्न कराई गई प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन के आधार पर अपनी कक्षा के प्रत्येक विषय में अलग-अलग उत्तीर्ण हुए हैं तथा बैक पेपर के लिए अर्ह हैं उन्हें अगले वर्ष के सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया जाएगा। जो विद्यार्थी अपने प्रोन्नत किये जाने का आधार बनने वाले अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे तो वे दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। 
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