रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
      शहर के प्रमुख व्यापारी नेता व समाजसेवी प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण ने शहर में स्वच्छता के दावों की पोल खोल दी है। स्वच्छता के नाम पर सिर्फ करोड़ों रुपए खर्च कर शहर की जनता को गुमराह करने का काम ही किया गया है। 

एक बयान में प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2019 में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को देश में 13 वां स्थान मिला था, वहीं वह प्रदेश में पहले नंबर पर था। 2020 के सर्वेक्षण में शहर देश में 13 वें से 19 वें स्थान व प्रदेश में पहले से तीसरे स्थान पर खिसक गया। यह स्थिति तो तब है

जबकि एक वर्ष के दौरान करोड़ो  रुपए खर्च कर दिए गए। आज शहर की हालत बहुत खराब है। इसकी पहचान ऐसे शहर के रूप में बन गई है, जहां कहीं भी सफाई दिखाई नहीं देती है। सड़कों के किनारे ही गंदगी के ढेर लगे रहते हैं. जिनसे बदबू आती रहती है और मखी-मच्छर पैदा होते रहते हैं। गंदगी के कारण कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। आज जब पूरा देश कोविड महामारी से जूझ रहा है, ऐसे समय में भी शहर में स्वच्छता अभियान के नाम पर शहर की जनता के साथ मजाक किया जा रहा है। बरसात के मौसम में शहर तालाब के रूप में बदल जाता है। लोगों का घर से निकलना बंद हो जाता है, इसके बावजूद जलभराव की समस्या के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
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