रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


अयोध्या :-
      1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 30 सितंबर यानी कि आज 28 साल बाद एतिहासिक अंतिम फैसला सुनाया।  सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बाबरी विध्वंस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। बाबरी विध्वंस केस में फैसला सुनाते हुए जज एसके यादव ने कहा कि वीएचपी नेता अशोक सिंघल के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। विवादित ढांचा गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। ये घटना अचानक हुई थी। बता दें कि बाबरी मस्जिद केस में कुल 49 आरोपी थे, जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कोर्ट ने मामले में बाक़ी बचे सभी 32 मुख्य आरोपियों पर फ़ैसला सुनाया है। 


बाबरी विध्वंस फैसले पर 

अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुनाते हुए आडवाणी, जोशी, उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।


ये हैं बाबरी विध्वंस के 32 अभियुक्तों के नाम

लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण  सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोश  दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।

बाबरी विध्वंस का पूरा घटनाक्रम:-

1528 : मुगल बादशाह बाबर के कमांडर मीर बकी ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।1885 : महंत रघुबीर दास ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर कर विवादित रामजन्मभूमि - बाबरी मस्जिद ढांचे के बाहर शामियाना तानने की अनुमति मांगी। अदालत ने याचिका खारिज कर दी।1949 : विवादित ढांचे के बाहर केंद्रीय गुंबद के अंदर रामलला की मूर्तियां लगाई गईं।1950 : रामलला की मूर्तियों की पूजा का अधिकार हासिल करने के लिए गोपाल सिमला विशारद ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर की।1950 : परमहंस रामचंद्र दास ने पूजा जारी रखने और मूर्तियां रखने के लिए याचिका दायर की।1959 : निर्मोही अखाड़ा ने जमीन पर अधिकार दिए जाने के लिए याचिका दायर की।1981 : उत्तरप्रदेश सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने स्थल पर अधिकार के लिए याचिका दायर की।1 फरवरी 1986 : स्थानीय अदालत ने सरकार को हिंदू श्रद्धालुओं के लिए स्थान खोलने का आदेश दिया।14 अगस्त 1986 : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित ढांचे के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।6 दिसम्बर 1992 : रामजन्मभूमि - बाबरी मस्जिद ढांचे को ढहाया गया।
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