यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश कौशिक व बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज और अपनी शिष्य मंडली के साथ श्रीबालाजी योग विज्ञान अनुसंधान केंद्र से आरम्भ किया धर्म जागृति अभियान


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
        अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज 30 सितम्बर को अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश कौशिक व बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज,स्वामी शिवानन्द देवतीर्थ और अपनी शिष्य मंडली के साथ श्रीबालाजी योग विज्ञान अनुसंधान केंद्र,शुक्रताल से सनातन धर्म की रक्षा और सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण के लिये सनातन धर्म के धर्मगुरुओं तक अपनी बात पहुँचाने के लिये धर्म जागृति अभियान आरम्भ किया।

इस अभियान के प्रथम चरण में उन्होंने आज प्रातः 9 बजे योगिराज स्वामी प्रकाशानन्द जी महाराज और योगिनी माँ राजनन्देश्वरी जी से आशीर्वाद लेकर शुक्रताल की पदयात्रा आरम्भ की।इस पदयात्रा में सभी पदयात्रियों ने शुक्रताल के सभी संतो के पास जाकर उनसे सनातन धर्म की रक्षा और सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण में साथ देने का आग्रह किया।
पदयात्रियों ने सभी सन्तो और धर्माचार्यो को एक पत्र भी दिया जिसमें लिखा हुआ था कि आज सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की स्थिति किसी भी संत और हिन्दू धर्मगुरु से कुछ छिपी हुई नही है।

बढ़ती हुई मुस्लिम जनसँख्या के कारण 2029 में भारत का प्रधानमंत्री कोई मुस्लिम बन जायेगा।भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बनने का अर्थ है कि अगले कुछ ही वर्षो में सनातन धर्म भारत से उसी तरह मिट जाएगा, जैसे अरब,ईरान, अफगानिस्तान,पाकिस्तान, बांग्लादेश और कश्मीर से मिट गया।अगर ऐसा हुआ तो इसके सबसे ज्यादा दोषी हम धर्मगुरु ही होंगे कि क्योंकि हमारा सबसे पहला कर्तव्य तो धर्म की रक्षा करना ही है।यदि सनातन धर्म भारत भूमि से समाप्त हुआ तो हममे से किसी को भी न तो मोक्ष मिलेगा और ना हो स्वर्ग मिलेगा बल्कि हमारी अतृप्त आत्माये नरक में भी स्थान पाने के लिये तरस जाएगी।

पत्र में सभी सन्तो और हिन्दू धर्मगुरुओं से यह भी निवेदन किया जिस की वो कुछ भी करके भारत भूमि में सनातन धर्म की रक्षा कीजिये। इसके लिये बाकी कार्य तो तय करने पड़ेंगे पर तीन कार्य उनसे अविलम्ब आरम्भ करने की प्रार्थना की गई।
1.इजरायल की तरह सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण के लिये संघर्ष
2.हिन्दुओ को ज्यादा संतान पैदा करने के लिये प्रेरित करने के लिये अपने स्तर पर निशुल्क शिक्षा के लिये अतिआधुनिक गुरुकुल का निर्माण
3.अपनी शिष्य मंडली को जातिवाद और जातीय वैमनस्यता से दूर करने का कार्य
पत्र में यह आशा भी जताई गई कि ये तीन कार्य यदि संत और हिन्दू धर्मगुरुअविलम्ब आरम्भ कर देंगे तो भारत के इस्लामीकरण को रोकना सम्भव हो सकेगा और धर्म इसके लिये सदैव सन्तो और धर्मगुरुओं ऋणी रहेगा।

पत्र में यह आशा और विश्वास भी जताया गया कि सभी संत और हिन्दू धर्मगुरु इस संकट को समझ कर समाधान की ओर चलेंगे। पदयात्रियों ने श्रीशुकदेव आश्रम,श्री हनुमत धाम,दंडी आश्रम,सतसाहिब आश्रम, गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय, जून अखाड़ा, बाल्मीकि आश्रम, शनि धाम,महेश्वर आश्रम, शिवधाम तथा अन्य सभी आश्रमो का दौरा किया और आश्रम के सन्तो से धर्म रक्षा का अनुरोध किया। स्वामी ओमानंद जी,महामंडलेश्वर स्वामी केशवानन्द जी,महामंडलेश्वर स्वामी गोपालानन्द जी महाराज,दण्डी स्वामी गुरूदेश्वर आश्रम,दण्डी स्वामी महादेव आश्रम जी महाराज तथा अन्य सन्तो ने सनातन वैदिक राष्ट्र का समर्थन करते हुए घटती हुई हिन्दू जनसँख्या पर चिंता जताई।

शुक्रताल में होने वाली पदयात्रा चन्द्रमा ब्रह्मचारी,यति सत्यदेवानन्द सरस्वती, यति शिवानन्द सरस्वती, पुष्पेंद्र पण्डित जी,प्रदीप पण्डित,इंद्रपाल सिंह,रोबिन पाल,पण्डित सनोज शास्त्री,आकाश यादव, मोहित बजरंगी,अरुण त्यागी,मोहन यादव सहित अनेक गणमान्य नागरिक सम्मिलित रहे।
शुक्रताल के सभी सन्तो से मिलने के बाद यह अभियान देश के विभिन्न धार्मिक नगरों में चलाया जाएगा।यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी के इस अभियान को अधिकांश हिन्दू संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
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