रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


ग़ाज़ियाबाद :-
       उत्तर प्रदेश के व्यापारीयों ने अपने प्रांतीय व्यापारी संगठन 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल' (कार्यक्षेत्र संपूर्ण उत्तर प्रदेश) के माध्यम से जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया जो उनके माध्यम से माननीय प्रधानमन्त्री को प्रेषित किया जाएगा। इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान प्रदेश के व्यापारियों की इस कोरोना संकटकाल की अवधि में उत्पन्न समस्याओं की ओर दिला कर समाधान चाहते हैं। 

प्रदेश के व्यापारियों ने पूरे कोरोना संकटकाल अवधि में आमजनों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन सुचारू रखकर तथा रसोई चलाकर भोजन व राहत पैकेज मुहैया कराकर जरूरतमंदों को भरपूर सहयोग दिया।  मगर अनलॉक के बाद व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।  व्यापारियों के सामने कर्मचारियों का वेतन; इनकम टैक्स; जीएसटी; बिजली के बिल; आदि सभी का दबाव बन गया है। क्योंकि लगभग 90 दिन तक व्यापारियों के कारोबार बंद रहे, ऐसे में व्यापारी का कारोबार संकट की स्थिति में है।  

अतः उसे अवश्य ही कोई आर्थिक राहत पैकेज मिलना चाहिए। इसी अनुरोध के साथ प्रदेश के व्यापारीयों ने विनम्र निवेदन किया कि कृपया हम व्यापारियों को आर्थिक पैकेज के रूप में निम्न छूट दी जाए-

1.  कोरोना संकटकाल की अवधि के 3 महीने का बिजली का बिल को माफ कर उसको जमा करने की जिम्मेदारी सरकार की हो।
2. बैंकों से लिए लोन या कैश लिमिट पर लगने वाले ब्याज में 3 माह की छूट हो।
3. बैंकों से लिए लोन की ईएमआई के 3 माह की किस्त सरकार भरे।
4. कोरोना संकट काल की अवधि की 3 माह की बच्चों की स्कूल की फीस भरने की व्यवस्था सरकार अपने स्तर से करे। 

प्रदेश के व्यापारियों ने इस संकट की घड़ी में व्यापार चलाने के लिए उपरोक्त मांगों का राहत पैकेज जारी करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से ये अनुरोध प्रधानमन्त्री से किया।

इस मौके पर जो व्यापारी उपस्थित रहे वह हैं प्रदेश महासचिव तिलक राज अरोड़ा, जिलाध्यक्ष अशोक जिंदल, जिला महासचिव अशोक शर्मा, महानगर महासचिव सुनील प्रताप सिंह, एडवोकेट अमन अग्रवाल, नरेश कुमार, निरंजन शर्मा, अतुल मित्तल, बलदेव सिंह, राम अग्रवाल, अमित जिंदल, आशीष राणा, जितेंद्र गोयल, आलोक पाराशर आदि सभी व्यापारी उपस्थित रहेl
धन्यवाद।
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