रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
         श्री शिव मंदिर पटेल नगर सेकंड बी ब्लॉक में दीपावली उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। और आज समाजसेवी सुंदर भाटी द्वारा मंदिर में दीपों से सजाया गया। शिव शरणम परिवार के सभी पदाधिकारियों ने पहले पूजन किया उसके बाद मंदिर को दीपों से सजाया गया। और मिठाई बांटकर खुशी मनाई।

महंत विजय गिरी जी महाराज ने बताया कि धनतेरस से लेकर के भैया दूज तक पंच दिवसीय त्योहार का इतिहास बहुत पुराना है। दिवाली का पर्व ना केवल भारत में नहीं कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का ना केवल महत्व ही है। बल्कि इतिहास भी है। दिवाली के दिन ना केवल श्रीराम अयोध्या लौटे थे बल्कि इस दिन मां दुर्गा ने काली का रूप लिया था, भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति की प्राप्ति हुई थी। दिवाली के दिन ही पांडव अपने वनवास और अज्ञातवास से वापस लौटे थे।

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही माता लक्ष्मी क्षीर सागर से प्रकट हुई थीं। इसीलिए इस दिन इनकी पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन लोग घरों को सजाते हैं और मां लक्ष्मी का स्वागत कर उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि दिवाली की रात लक्ष्मी-विष्णु विवाह भी हुआ था।त्रेता युग में कार्तिक मास की अमावस्या के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर मिठाई बांटी थी।

श्रीराम की वापसी की खुशी में हर साल इस दिन दीप जलाकर और मिठाइयां बांटकर उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन मां दुर्गा ने महाकाली का रूप धारण किया था। महंत विजय गिरी जी महराज ने बताया कि इस पावन पर्व पर श्री शिव शरणम परिवार के सभी पदाधिकारी अजय चोपड़ा, हिमांशु पाराशर, सुंदर भाटी, आंगन ठाकुर, पवन, पंडित अजय शास्त्री, बी एन गुप्ता, मेहर चंद शर्मा, सभी लोग मौजूद थे
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