पायनियर के पश्चिमी उत्तर प्रदेश ब्यूरो प्रमुख अशोक निर्वाण को सम्मानित करते हुए मेवाड विश्वविधालय के चेयरमेन अशोक कुमार गादिया.


रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
        वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती के पूर्व दिवस आनलाइन आयोजित सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार डा. क्षमा शर्मा व नीलम गुप्ता समेत कुल चार पत्रकारों को सम्मानित किया।

क्षमा शर्मा व नीलम गुप्ता को साहित्यकार-पत्रकार भूषण सम्मान दिया गया तो अशोक निर्वाण व ओम प्रकाश प्रजापति को पत्रकार गौरव सम्मान से नवाजा। सभी को शाल, प्रशस्ति पत्र व नकद राशि प्रदान की गई। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय, मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. अशोक कुमार गदिया एवं निदेशिका डा. अलका अग्रवाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।


पद्मश्री राम बहादुर राय ने अपने सम्बोधन में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मालवीय जी व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व थे। वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण हैं। डाॅ. गदिया ने कहा कि मालवीय जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, पत्रकार, वकील, गायक, कथावाचक, देशभक्त व युगदृष्टा थे। देश में प्रोफेशनल्स तैयार हो सकें इसके लिए उन्होंने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बनाई। क्षमा शर्मा ने कहा कि शासक आते-जाते रहते हैं। लेकिन प्रजा हमेशा रहती है।

मालवीय जी ने जो काम किये, जो आदर्श स्थापित किये, उन्हें हम अपने जीवन में उतारें। नीलम गुप्ता ने कहा कि हम पुरानी सनातन परम्परा की ओर लौट रहे हैं, यह एक शुभ संकेत है। मेवाड़ संस्थान इन जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है, यह उल्लेखनीय प्रयास है। इससे पूर्व समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। बबीता मिश्रा व मोनिका गौड़ ने मालवीय जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला।

मेवाड इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डा. अलका अग्रवाल ने मदन मोहन मालवीय पर विचार व्यक्त करने के साथ ही मेवाड़ की पत्रकार सम्मान व पुरस्कार-प्रोत्साहन की मुहिम के 16 वर्षों के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मेवाड़ ने अब तक 223 पत्रकारों को सम्मानित कर स्वयं को गौरवान्वित किया है। इनमें से 30 वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार हैं। सफल संचालन अमित पाराशर ने किया।
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