◼️हम अगर मौत से भयभीत होते तो इस लड़ाई में शामिल ही क्यो होते-अनिल यादव


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
     यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने स्ट्रीमयार्ड कर माध्यम से एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि गाज़ियाबाद के एक बड़े सत्ताधारी व्यक्तित्व की मध्यस्थता से डासना जेल में जिहादियो और अपराधियों का एक गठजोड़ हुआ है जिसने मेरी और मेरे शिष्य बम्हेटा निवासी अनिल यादव की हत्या का दिन निश्चित किया है। इस कार्य के लिये पैसे और हथियार डासना के जिहादियो ने जुटाए हैं और हत्या की जिम्मेदारी जेल में बंद खूंखार अपराधियों ने ली है। इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि इस हत्या के लिये सर्वोच्च राष्ट्रवादियों और सर्वोच्च इस्लामिक जिहादियो ने हाथ मिलाया है। हमारी हत्या के बाद पुलिस को मैनेज करने का आश्वासन भी अपराधियों को दिया गया है।उन्हें आश्वासन दिया गया है कि अगर वो हमारी हत्या कर देते हैं तो उनके पुराने मुकदमो में भी उनकी जमानत करा दी जाएगी। इस कार्य के लिये कुछ पुलिस अधिकारी भी लगाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि पहले ये सूचना उन्हें जेल में बंद एक हिन्दू अपराधी ने भिजवाई थी जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया परन्तु अभी कल ही ये सूचना जेल पुलिस के एक अधिकारी के माध्यम से उन्हें मिली तब उन्होंने प्रेस के माध्यम से इसे जनता तक पहुँचाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि उनके विरुद्ध षड्यंत्र होते ही रहते हैं।पहले भी कई बार उनपर हमला करने का प्रयास हुआ है और उन्हें झूठे मुकदमो में भी फाँसने की कोशिश की गई है। पहले ये मामले साधारण जिहादियों और अपराधियों के द्वारा होते थे परन्तु पिछले कुछ समय से एक बड़े सत्ताधारी नेता के प्रभाव में इसमें पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए हैं।ये माँ और महादेव की कृपा से कुछ अधिकारियों के कारण मैं जीवित हूँ वरना करने वाले तो अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर ही रहे हैं। इन्ही नेता के प्रभाव में भारत के इतिहास पहली बार हुआ था कि तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने अपनी जान पर खेलकर जातीय संघर्ष को समाप्त करवाने वाले साधु के ऊपर बहुत ही कड़ी और गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था और लोनी विधायक नन्दकिशोर गुर्जर व मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी को छोड़कर सारे गाज़ियाबाद के नेता उस समय धृतराष्ट्र बनकर बैठ गए थे।

उन्होंने कहा कि उस कुछ अच्छे और निष्ठावान पुलिस अधिकारियों के कारण उनकी जान बची थी।
उन्होंने यह भी कहा कि वो अच्छी तरह जानते हैं कि जब इतनी बड़ी बड़ी ताकते उनकी हत्या के लिये एकजुट हो चुकी हैं तो उनकी हत्या ज्यादा दिन तक टाली नहीं जा सकेगी। जितने गर्व और स्वाभिमान से उन्होंने अपने जीवन को जिया है, उतने ही गर्व और स्वाभिमान से मृत्यु को स्वीकार करेंगे। उनकी हत्या के बाद उनकी कही हुई एक एक बात सच हो जाएगी और हिन्दू समाज उनकी बातों पर सोचने के लिये मजबूर होगा।उनकी हत्या से पूरे हिन्दू समाज का भविष्य तय होगा।यदि हिन्दू समाज उनकी हत्या के बाद डर गया तो धरती पर स्वयं भगवान  भी अवतार लेकर हिन्दू को बचा नहीं सकेंगे और यदि उनकी हत्या से हिन्दू जाग गया और इस्लाम के जिहाद और सत्ताओं के षड़यंत्र को समझ गया तो सम्पूर्ण मानवता के लिये ये बहुत सुखद होगा।उसके बाद इस्लाम का जिहाद सारी दुनिया से समाप्त होकर रहेगा।

उन्होंने कहा कि वो केवल हिन्दू समाज से यह चाहते हैं कि हिन्दू समाज उनकी।लड़ाई को समझे और हमेशा याद रखे कि एक साधु ने सत्ता के गलियारों को ठोकर मारते हुए क्यों इस तरह अपनी मृत्यु को चुना और वो कौन लोग हैं जो उसको मिटाना चाहते थे।अगर हिन्दू ने ऐसा किया तो हिन्दू समाज की एक एक बेटी और परिवार हमेशा के लिये सुरक्षित हो जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इन सब बातों से वो कतई भी विचलित नहीं हैं बल्कि इस बातों से उनका मनोबल और बढ़ गया है।इससे ये सिद्ध होता है कि उनकी विचारधारा और उनका संघर्ष एकदम सही है।अब जितने भी दिन जीवन के बचे हैं, उनमें उनका पूरा प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा कार्य और संघर्ष किया जाए ताकि मरते समय दिल मे यह तो तसल्ली हो कि अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी।

प्रेस वार्ता में अनिल यादव ने कहा की यति नरसिंहानंद सरस्वती और उनके शिष्यों को डरने का कोई अधिकार नहीं है।यदि हम मृत्यु से भयभीत होते तो इस लड़ाई में शामिल ही क्यों होते?हमे तो सम्पूर्ण विश्व को ये दिखाना है कि धर्म के लिये हँसते हँसते कैसे बलिदान दिए जाते हैं।हम हर बलिदान के लिये तैयार हैं।बस हिन्दू समाज से यही निवेदन है कि हमारी मौत के बाद लड़ाई को खत्म न होने दे बल्कि और प्रचण्ड करे।धर्म के लिये बलिदान को जाना ही यति नरसिंहानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्यो के जीवन की सबसे बड़ी सार्थकता है।

प्रेस वार्ता में यति सत्यानंद सरस्वती, यति सेवानंद सरस्वती,सतेंद्र चौहान, श्रीमती शशि चौहान, सतेंद्र त्यागी, कपिल त्यागी,एडवोकेट गौरव चौहान,एडवोकेट लोकेश त्यागी,अक्षय त्यागी,मुकेश त्यागी,संजय त्यागी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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