◼️भोजपुर ब्लॉक के किसान के साथ जुड़े अन्य 10 किसान
◼️केले की खेती से कमा रहे मुनाफा, जिला उद्यान अधिकारी भी नतीजों से उत्साहित
◼️शासन को लक्ष्य बढाने का भेजा जाएगा प्रस्ताव


रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
       जिले के किसान गन्ने व गेहूं की खेती करना ही पसंद करते हैं। क्योंकि माना जाता है कि इसमें फायदा अधिक होता है, मगर भोजपुर ब्लॉक के किसान विक्रम यादव ने केले की खेती कर किसानों को एक नई राह दिखाई है। केले की खेती में गन्ने व गेहूं की खेती से भी अधिक फायदा हो रहा है, जिसे देखते हुए अन्य किसानों में भी केले की खेती करने का क्रेज बढा है। 
विक्रम यादव बताते हैं कि वे भी अन्य किसानों की तरह ही गन्ने व गेहूं की खेती कर रहे थे। पांच साल पहले केले की खेती करने का विचार आया, मगर पूरी जानकारी ना होने से पहले दो साल घाटा हुआ। पूरी जानकारी लेने के बाद केले की खेती की तो फायदा होने लगा। दो साल में काफी फायदा हुआ तो 10 और किसान उनके साथ जुड गए। अब वे लीज पर खेत लेकर उनमें भी केले की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग ने भी मदद की और अब लागत से दोगुना फायदा हो रहा है। इसी कारण जहां पहले 40 बीघा में केले की खेती कर रहा था, वहीं अब 200 बीघे में केले की खेती कर रहा हूं। फायदे को देखते हुए और अधिक जमीन लीज पर लेकर केले की खेती करूंगा। अपने दोनों बेटों को भी कृषि की पढाई करारूंगा जिससे वे भी इस काम से जुड सकें। केले की खेती के प्रति किसानों के बढते क्रेज को देखते हुए उद्यान विभाग ने शासन को लक्ष्य बढाने के लिए प्रस्ताव भी भेजा है।

जिला उद्यान अधिकारी निधि कुमारी के अनुसार शासन से सब्सिडी 10 हेक्टेयर के हिसाब से मिल रही है, जबकि खेती 20 हेक्टेयर में हो रही है। इससे सभी किसानों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी के चलते शासन को लक्ष्य बढाने का प्रस्ताव भेजा गया है। उद्यान निरीक्षक रचना कुमारी के अनुसार केले की खेती पर प्रति हेक्टेयर 30738 की सब्सिडी पहले दो साल के लिए मिलती है। इस पूरे कार्यक्रम में राजेंद्र गिरी पिलखुवा वालों का विशेष सहयोग रहा।
Previous Post Next Post