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गाजियाबाद :- फर्जी बिलों के जरिए सामान की खरीद बिक्री दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट के रास्ते 14 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला पकड़ा गया है। मामले में सेंट्रल जीएसटी विभाग ने कंपनी के अकाउंट ऑफिसर को गिरफ्तार किया है। विभाग ने शुक्रवार को अकाउंट ऑफिसर अजित रोहिला को गिरफ्तार कर मेरठ की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गय। कंपनी निदेशक अरुण कुमार सोम व पत्नी लविका सोम निवासी नेहरू नगर थर्ड फरार हैं
बुलंदशहर इंडस्ट्रियल एरिया में एस-1 व एस-15 में संचालित मैसर्स एकेएस इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड इनवर्टर बैटरी बनाती है। चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा से जुड़ी आठ फर्मों से भारी संख्या में सामान की खरीद-बिक्री दिखाकर 14.19 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर लिया। इतनी बड़ी रकम आईटीसी क्लेम में जाने पर विभाग ने छानबीन की। जांच को सभी राज्यों में टीमें भेजी गई तो खुलासा हुआ कि मौके पर ऐसी कोई भी फर्म संचालित नहीं है। इसके बाद गाजियाबाद स्थित सेंट्रल जीएसटी विभाग की टीमों ने कंपनी पर छापा मारने का फैसला लिया। 20 जनवरी से कंपनी से जुड़े सभी लोगों की रेकी शुरू कर दी गई। सब कुछ पुख्ता होने के बाद फैक्टरी के साथ कंपनी मालिक के नेहरू नगर -3 स्थित मकान नंबर एच-145 और अकाउंटेंट अजित रोहिला के गुलधर स्थित आवास पर छापा मारा गया। छापे के दौरान कंपनी के डायरेक्टर अरुण कुमार सोम व पत्नी लविका सोम मौके पर नहीं मिले। बृहस्पतिवार को टीम ने कंपनी निदेशक अरुण कुमार सोम व लविका को पेश होने का शमन भी उनका माता-पिता को तामील कराया, जिस पर उन्होंने लिखित में जानकारी मुहैया कराई कि दोनों बीते छह दिनों से घर पर नहीं आए हैं। ऐसी स्थिति में अकाउंटेंट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।