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गाजियाबाद :- कोरोना काल में बंपर संपत्तियां बेचने के साथ ही जीडीए ने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन नक्शे पास किए हैं। नक्शा पास कराने के लिए बीते साल ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) लागू होने के बाद आवासीय के साथ व्यावसायिक निर्माण से जुड़े कम जोखिम के बड़ी संख्या में नक्शे पास हुए हैं। प्राधिकरण में विभिन्न कैटेगरी में ऑनलाइन नक्शों से जुड़े 872 आवेदन आए थे। इनमें से सभी मानकों को पूरा करने वाले 645 नक्शो को पास किया गया। ऑनलाइन नक्शा आवेदन प्रक्रिया में निश्चित समयसीमा के अंदर नक्शा पास करने की व्यवस्था से शहरवासियों को बड़ी सहूलियत मिल रही है। घर से जुड़े आवासीय नक्शों को पास करने में केवल तीन दिन का समय लग रहा है। इसके अलावा दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से जुड़े कम जोखिम के नक्शों को भी निश्चित समय सीमा के अंदर पास किया जा रहा है। इसके अलावा अति जोखिम वाले नक्शों को पास करने में प्राधिकरण की ओर से विशेष सावधानी बरती जा रही है। कोरोना काल में तमाम दिक्कतों के बीच बड़ी संख्या में ऑनलाइन नक्शों के पास होने से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं। नक्शा पास करने में भी जीडीए सूबे के अन्य प्राधिकरण से आगे है। नक्शा पास करने में प्रदेश में चौथे स्थान पर काबिज जीडीए से आगे केवल झांसी, उन्नाव और मथुरा-वृंदावन प्राधिकरण हैं। इससे पहले कोरोना काल में जीडीए की ओर से 450 से अधिक आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक संपत्तियां बेची गई। जिससे प्राधिकरण को 300 करोड़ से अधिक की आय होने की संभावना जताई जा रही है। संपत्तियों की बिक्री के साथ बड़े पैमाने पर नक्शों के पास होने जीडीए को राहत मिली है। कम जोखिम वाले छोटे नक्शों की ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया में पहले जहां नक्शे के पास होने में दो से तीन माह का वक्त लगता था। वहीं लोगों को आवेदन संबंधी त्रुटियों के समाधान के लिए प्राधिकरण के कई चक्कर काटने पड़ते थे। बड़े के साथ छोटे नक्शों के आवेदन के लिए ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम आने के बाद लोगों को बड़ी सहूलियत मिली है। इसी का परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी बड़ी संख्या में ऑनलाइन नक्शे पास हुए हैं।
जीडीए सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि ऑनलाइन नक्शा पास करने की व्यवस्था में आवासीय नक्शों को जांच पड़ताल के बाद तीन दिनों के अंदर पास किया जा रहा है। नक्शों से संबंधित आपत्तियों को भी निश्चित समयसीमा में निपटाया जा रहा है।