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लखनऊ :- उत्तर प्रदेश मे करीब 11 महीने बाद सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में 15 फरवरी से पूरी क्षमता के साथ पूर्ण रूप कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा। किसी भी विद्यार्थी, शिक्षक या कर्मचारी में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर भेज दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को संचालित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद के अनुसार विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में पूरी क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन शुरू करने से पहले परिसर और कक्षाकक्षों को सेनिटाइज किया जाएगा। कक्षाओं में विद्यार्थियों को एक-दूसरे से छह फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा। विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को मास्क पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। 

विश्वविद्यालयों में थर्मल स्कैनिंग, हैंडवाश, सेनिटाइजर और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों में कोई कोरोना संक्रमित होने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। शिक्षकों, विद्यार्थियों को एक दूसरे के साथ भोजन या बर्तन साझा नहीं करने की सलाह दी जाएगी। विद्यार्थियों और शिक्षकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति की जगह संपर्क रहित उपस्थिति की व्यवस्था की जाएगी।

सरकार ने छात्रावासों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने, डायनिंग हॉल और कमरों में उचित दूरी का पालन कराने, भोजन पकाने वाले कर्मचारियों को फेस कवर, मास्क और सेनिटाइजर की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। छात्रावास के विद्यार्थियों और कर्मचारियों को बाजार जाने से बचने की सलाह दी जाएगी, उनके लिए आवश्यक वस्तुएं छात्रावास परिसर में ही उपलब्ध क राई जाएगी। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बाद नवंबर से विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया था।
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