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गाज़ियाबाद :- राजनगर एक्सटेंशन में हाउस टैक्स को लेकर फिर विवाद बढ़ने लगा है। लोगों ने टैक्स जमा कराने से इंकार किया तो नगर निगम ने बिल्डरों से आवंटियों का ब्योरा लेकर फ्लैटों पर हाउस टैक्स लगा दिया। अब आवंटियों को चार-पांच साल के बकाया टैक्स के साथ डिमांड बिल भेजे जा रहे हैं। 10 से 15 हजार रुपये के बिल देख एक्सटेंशन के फ्लैट मालिकों में रोष है। ट्विटर हैंड और सोशल मीडिया पर भी नगर निगम के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है। इसकी शिकायत उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक भेजी है। 

राजनगर एक्सटेंशन में करीब 35 हाउसिंग सोसायटियां हैं। नगर निगम की ओर से अभी इस क्षेत्र में सड़क, सीवर, पानी, स्ट्रीट लाइट, साफ-सफाई की सुविधा नहीं दी है। जीडीए इसे प्राइवेट बिल्डरों की कॉलोनी बताकर सुविधाएं देने से हाथ खड़े कर देता है, जबकि नगर निगम इस कॉलोनी को अभी टेकओवर न किए जाने की बात कहकर सुविधाएं नहीं दे रहा है। ऐसे में राजनगर एक्सटेंशन में रह रहे लोगों ने नगर निगम को टैक्स देने से इंकार कर दिया था। नगर निगम ने कई बार इस क्षेत्र में टैक्स कलेक्शन कैंप लगाए और होर्डिंग्स लगाकर लोगों से संपत्ति कर जमा कराने की अपील की। महज 10-15 फीसदी लोगों ने ही अभी तक टैक्स जमा किया है, अधिकांश फ्लैट मालिक सुविधाएं दिए बिना नगर निगम को टैक्स देने से साफ इंकार कर रहे हैं। इसके बाद नगर निगम ने अब बिल्डरों से आवंटियों का डेटा लेकर उन पर कर निर्धारण कर दिया है। 
नगर निगम ने फ्लैट मालिकों को बकाया के साथ हाउस टैक्स के नोटिस भेजे हैं। इन डिमांड नोटिसों में न सिर्फ टैक्स की रकम बल्कि बकाया राशि पर ब्याज भी लगा दिया गया है। इससे फ्लैट मालिकों में रोष है। राजनगर एक्सटेंशन निवासी नीरज विजयवर्गीय का कहना है कि उन्हें भी नगर निगम ने टैक्स का नोटिस भेजा है। इन बिल पर सिर्फ मकान नंबर डाला जा रहा है। मकान मालिकों का नाम नहीं है। उनका कहना है कि नगर निगम जब तक सुविधाएं नहीं देगा, टैक्स नहीं देंगे। फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए राजनगर एक्सटेंशन के पदाधिकारी वीरेंद्र इंदौलिया का कहना है कि नगर निगम जबरन लोगों पर टैक्स थोप रहा है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। उनका कहना है कि नगर निगम अगर लोगों को सुविधाएं दे दें तो सभी हाउस टैक्स भी जमा करा देंगे।
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