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गाज़ियाबाद :- एमएमएच कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के तत्वाधान में महिविद्यालय की संस्था 'स्पन्दन नाट्यशाला' द्वारा महिविद्यालय में नुक्कड़ नाटक किया गया जिसका शीर्षक था 'जननी'  नाटक का आगाज़ 'मुंह खोलेंगे सच बोलेंगे, आइना दिखाएंगे, बदलाव करो बदलाव करो, सब चीखेंगे हम बदलाव दिखाएंगे, से हुआ और फिर कलाकारों ने बताया कि किस तरह आज भी नारी प्रताड़ित है, शोषित है, और ये पुरुष प्रधान समाज उसे आगे बढ़ने नहीं देता, नाटक के दूसरे दृश्य में बताया गया कि सिर्फ पुरुष ही महिलाओं की दयनीय स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है महिला स्वयं भी अपने साथ होने वाले अत्याचार व दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार है
नाटक के अंत में कलाकरों ने बताया कि समाज में ना नारी पुरुष द्वारा प्रताड़ित हो, और ना ही अपना बदला लेने के लिए नारी पुरुष को प्रताड़ित करे, समाज मे सन्तुलन की स्थिति हो, पुरुष नारी को आगे बढ़ने में मदद करे,और नारी भी पुरूष को सहयोग करे, इस तरह समाज मे एक सन्तुलन की स्थिति विकसित होगी और समाज सुदृढ़ होगा। इसी सन्देश के साथ नाटक का समापन हुआ, नाटक में अभिनय तनु, दीपांशु, अमित, मनीषा, नीरज भारती, अंजलि, गरिमा, , आकाश, ने किया नाटक का निर्देशन टेकचन्द ने किया इस बीच महाविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ यू० सी० शर्मा, साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की संयोजिका डॉ ईशा शर्मा, और इनके साथ डॉ आभा दुबे, डॉ राखी द्विवेदी, डॉ कल्पना दुबे, डॉ गौतम बेनर्जी, डॉ पंकज त्यागी, डॉ रीमा अग्रवाल, डॉ अपर्णा मल्होत्रा, डॉ एच० के० राय, डॉ अनिल, डॉ पूनम सिंह आदि शिक्षक, कर्मचारी, व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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