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गाज़ियाबाद :- मेरठ विजिलेंस की टीम ने वीरवार को 13 लाख रुपये की रिश्वत लेते जल निगम के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया। मेरठ निवासी ठेकेदार सतीश कुमार ने 3.60 करोड़ में मुरादनगर में सिल्ट हटाने का ठेका लिया था। 
आरोप है कि एक्सईएन ठेकेदार से 7 फीसदी कमीशन के तौर पर 25 लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था। रकम नहीं देने पर वह ठेकेदार को काम नहीं करने दे रहा था, जिससे परेशान होकर ठेकेदार ने गत 5 अप्रैल को विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी। एक्सईएन को गिरफ्तार कर विजिलेंस टीम ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया है। 

विजिलेंस टीम के मुताबिक, मेरठ निवासी ठेकेदार सतीश कुमार ने 2011 में तीन करोड़ 60 लाख रुपये में मुरादनगर में सिल्ट हटाने का ठेका लिया था। नियमानुसार ठेका लेने के बावजूद जल निगम का एक्सईएन विक्रम सिंह ठेकेदार से सात फीसदी कमीशन के तौर पर 25 लाख रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। ठेकेदार द्वारा मिन्नत करने पर एक्सईएन ने बमुश्किल दो लाख रुपये कम किए और बाद में 21 लाख रुपये से एक पैसा कम न लेने का फरमान सुना दिया। एक्सईएन द्वारा रिश्वत देने का दबाव बनाने पर ठेकेदार ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई। विजिलेंस टीम ने ट्रैप करते हुए वीरवार को चीफ इंजीनियर ऑफिस से एक्सईएन विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर रिश्वत की रकम बरामद कर ली। एक्सईएन के खिलाफ कविनगर थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है।

रकम थमाते ही विजिलेंस ने दबोचा
थाना डिबाई बुलंदशहर के गांव गालिबपुर निवासी आरोपी एक्सईएन विक्रम सिंह वर्तमान में परिवार के साथ सेक्टर-62 नोएडा स्थित ओवरसीज टावर में रहता है। उसकी तैनाती जल निगम की दिल्ली संपूर्ति इकाई में है। वह गाजियाबाद के सेक्टर-एक राजनगर स्थित जल निगम के चीफ इंजीनियर ऑफिस में बैठता है। उसने ठेकेदार से 21 लाख रुपये रिश्वत तय करते हुए पहली किश्त में 13 लाख रुपये की मांग की। वहीं, ठेकेदार की शिकायत पर इंस्पेक्टर अशोक सिसौदिया व संजय शर्मा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विजिलेंस टीम गठित हुई। टीम राजनगर सेक्टर-1 स्थित जल निगम के चीफ इंजीनियर के ऑफिस पहुंची। ठेकेदार द्वारा रिश्वत की रकम थमाते ही टीम ने एक्सईएन को दबोच लिया।

पकड़े जाते ही फेंकी नोटों की गड्डियां, पानी के रंग ने खोला राज
विजिलेंस की टीम ने नोटों की गड्डियों पर पहले ही केमिकल लगा दिया था। विजिलेंस टीम द्वारा पकड़े जाते ही एक्सईएन विक्रम सिंह घबरा गया। उसने एकाएक नोटों की गड्डियां फेंक दीं और खुद को बेकसूर बताया, लेकिन विजिलेंस टीम ने उसके हाथ धुलवाए तो केमिकल के असर से पानी का रंग बदल गया, जिसने एक्सईएन की पोल खोल दी।

ठेकेदार से 13 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जल निगम के एक्सईएन को गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ कविनगर थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। एक्सईएन के खिलाफ आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
- अशोक सिसौदिया, इंस्पेक्टर विजिलेंस
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