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 गाजियाबाद :- नगर निगम ने हाउस टैक्स में एकमुश्त 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके करीब 4 मकान मालिकों को झटका दिया है। 3 साल से हाउस टैक्स में इजाफा नहीं हुआ था। निगम ने एकसाथ बढ़ाकर जोर का झटका दिया है। शहर के करीब 4 लाख भवन स्वामियों (आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक) पर हाउस टैक्स का बोझ बढ़ गया है। हाउस टैक्स में (हाउस, सीवर और वाटर टैक्स) आता है। बढ़ोतरी 1अप्रैल 2021 से लागू होगी। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते हाउस टैक्स में वृद्धि नहीं की गई थी। हर साल 5 फीसदी हाउस टैक्स में वृद्धि के पुराने प्रस्ताव को निगम बोर्ड से भी मंजूरी मिल चुकी है। 2017 में जारी शासनादेश के साथ ही नगर निगम अधिनियम-1959 के तहत प्रत्येक 2 साल में सपंत्ति कर रिवाइज करने का प्रावधान है। ऐसे में नगर निगम ने 3 साल को मिलाकर टैक्स की दरों में 15 फीसदी इजाफा किया है। ऐसे में हाउस टैक्स में बढ़ोतरी के साथ ही लोगों की जेब पर टैक्स का बोझ और बढ़ जाएगा। देश के साथ महानगर में कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। ऐसे में निगम का निर्णय लोगों की परेशानी में इजाफा करेगा। पहले से ही पेट्रोल और गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमतों से परेशान लोगों पर एक और बोझ बढ़ गया है। चुनावी साल होने से शहर के लोग हाउस टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं होने की आस लगाए बैठे थे। इसके बावजूद निगम ने हाउस टैक्स की नई दरें लागू कर लोगों को झटका दिया है।

आचार संहिता हटने के बाद हाउस टैक्स की नई पॉलिसी पर होगा काम
नगर निगम की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स बढ़ाने की नई पॉलिसी पर काम शुरू किया गया था। निगम की योजना सिटी एरिया की सभी संपत्तियों पर निगम जमीन के मौजूदा सर्किल रेट के हिसाब हाउस टैक्स लगाने की थी। नई पॉलिसी के तहत हाउस टैक्स में 20 से 40 फीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है। इसके लिए निगम टैक्स विभाग ने नोटिफिकेशन जारी लोगों से आपत्तियां मांगी थी। निगम की योजना में महानगर की पॉश वीआईपी कॉलोनी में अधिक हाउस टैक्स लगाने की योजना थी। आपत्तियां और सुझाव जमा करने की 21 फरवरी आखिरी तिथि थी। लेकिन फिर मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। निगम अधिकारियों की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता के चलते मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कही जा रही है। आचार संहिता हटने के बाद निगम कर निर्धारण कमेटी आपतियां दर्ज कराने वालों की बात सुनेंगी। आपत्तियों के समाधान व सुझाव को शामिल कर प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में रखने की योजना पर नगर निगम में मंथन जारी है।

हाउस टैक्स में वृद्धि का पुराना प्रस्ताव लागू तो नए पॉलिसी हो कैंसिल
बोर्ड द्वारा स्वीकृत प्रतिवर्ष पांच फीसदी हाउस टैक्स में वृद्धि के आदेश के तहत हाउस टैक्स में 15 फीसदी की वृद्धि करने और नए प्रस्ताव पर मंथन पर भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने सवाल उठाए हैं। पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि बोर्ड द्वारा पास पुराने प्रस्ताव के तहत की गई हाउस टैक्स में बढ़ोतरी के बाद निगम प्रशासन को सर्किल रेट के अनुसार हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की नई पॉलिसी को कैंसिल किया जाना चाहिए। निगम प्रशासन विज्ञापन निकालकर नई पॉलिसी पर लोगों के आपत्तियां व सुझाव लेता है। आपत्तियों का बगैर समाधान के आगे की कार्रवाई नहीं की जाती। ऐसे में जब पुराने प्रस्ताव के तहत हाउस टैक्स लागू कर दिया गया है तो नई पॉलिसी को तत्काल कैंसिल कर देना चाहिए। नई पॉलिसी को किसी हालत में लागू नहीं होने दिया जाएगा।

बोर्ड द्वारा पास प्रस्ताव के तहत हाउस टैक्स में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। हाउस टैक्स में वृद्धि एक अप्रैल से लागू होगी। आचार संहिता हटने के बाद हाउस टैक्स की नई पॉलिसी पर आगे की कार्रवाई पूरी कर प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। -- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त, नगर निगम
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