रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बाकी दलों पर बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम से कोरी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को दावा किया कि अम्बेडकर के सपनों को गंभीरता से पूरा करने की कोशिश सिर्फ बसपा ने ही की है।

मायावती ने अम्बेडकर जयंती के मौके पर दिए गए अपने बयान में कहा, "बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के प्रति अपार राष्ट्रीय श्रद्धा एवं सम्मान होने के बावजूद उन जैसे युगपुरूष को 'भारत रत्न' की उपाधि से सम्मानित नहीं करना अक्षम्य कृत्य/अपराध है, जिसके लिए खासकर कांग्रेस पार्टी को कभी भी माफ नहीं किया जा सकेगा।" उन्होंने कहा कि अन्ततः यह बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की मानवीय सोच रखने वाली बसपा की मजबूती का ही परिणाम है कि मरणोपरांत 1990 में वी.पी. सिंह की गठबंधन सरकार द्वारा बसपा की पहल के कारण ही उन्हें 'भारत रत्न' की उपाधि से सम्मानित किया गया।

मायावती ने अन्य पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा, "पार्टियां वोट की राजनीति और स्वार्थ की खातिर तथा लोगों को बरगलाने के लिए मनमाना इतिहास गढ़ती हैं जबकि बसपा की 4 बार की सरकार ने जन हितैषी काम करके इतिहास बनाने का काम किया है। वैसे भी वोटों के स्वार्थ और राजनीतिक लाभ की खातिर सब बाबा साहेब का नाम जपते हैं मगर उनकी सोच और मंशा के हिसाब से पार्टी तथा सरकार चलाकर समतामूलक समाज बनाना ही असली देशसेवा और देशभक्ति है।” उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, "आज देश और उत्तर प्रदेश में जिन जनहित और जनकल्याणकारी योजनाओं पर जोर देकर उनके आधार पर वोट मांगा जा रहा है उनमें से अधिकतर की शुरुआत बसपा सरकार ने की तथा उन्हें उत्तर प्रदेश में सही ढंग से लागू करके दिखाया।”

उन्होंने कहा, "चाहे सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 'यमुना एक्सप्रेस-वे' का निर्माण हो या फिर नोएडा से बलिया तक आठ-लेन वाली 'गंगा एक्सप्रेस-वे' परियोजना या फिर जेवर, बुलन्दशहर में ‘ताज अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं एविएशन हब परियोजना', मेट्रो रेल अथवा विदेश मुद्रा अर्जन के लिए 'बौद्ध सर्किट' का विकास तथा अनेक कॉलेज-विश्वविद्यालय, अस्पतालों में आरक्षण के जनक छत्रपति शाहूजी महाराज के नाम पर लखनऊ में राज्य की प्रथम मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना आदि सभी बसपा सरकार की ही देन हैं।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “इनके नाम राजनीतिक दुर्भावना एवं संकीर्ण जातिवादी द्वेष के कारण बदले तो जा सकते हैं लेकिन उन्हें न तो कभी भुलाया जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है बल्कि ऐसा करने वालों का नाम हमेशा इतिहास के काले पन्नों में दर्ज रहेगा।"
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