रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन करते हुए यूपी की जेलों में 10,000 से अधिक विचाराधीन कैदियों और दोषियों को या तो अंतरिम जमानत या पैरोल दी गई है। ताकि कोविड महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर अधिक भीड़ भाड़ वाली जेलों से भीड़ कम हो सके।

जेल विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, लगभग 8,463 विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है, जबकि 1,660 दोषियों को 6 सप्ताह की पैरोल दी गई है। 71 केंद्रीय और राज्य जेलों से रिहा किए गए कुल 10,123 कैदियों में से अधिकतम 704 विचाराधीन कैदी गाजियाबाद जिला जेल से, अलीगढ़ में 445, लखनऊ में 398 और गौतम बुद्ध नगर में 397 अंतरिम जमानत पर रिहा हुए है। राज्य भर की जेलों में एक लाख से ज्यादा कैदी बंद हैं।

विभाग 54 अस्थायी जेलों के साथ आया था, जहां नए मामलों में गिरफ्तार संदिग्धों को स्थायी जेलों में ले जाने से पहले 14 दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। विभाग ने एक बयान में कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु के 24,000 से अधिक कैदियों को टीका लगाया गया है।
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