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गाजियाबाद :- क्रासिंग रिपब्लिक सोसायटी में कोरोना संक्रमण से एक परिवार के 4 सदस्यों की एक-एक कर मौत हो गई। परिवार में अब 6 वर्ष और 8 वर्ष की 2 बच्चियां बचीं हैं। एक परिवार के 4 सदस्यों की मौत से पूरी सोसायटी में लोगों में डर छाया हुआ है।

सोसायटी के निवासी राजकुमार राठी ने बताया कि टावर-2 फ्लैट 205 में दुर्गेश प्रसाद परिवार के साथ रहते थे। वह रिटायर्ड शिक्षक थे। वह काफी मिलनसार और सोसायटी के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले थे। कुछ दिनों पहले वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। वह संक्रमित हुए तो घर में ही एक कमरे में आइसोलेट हो गए। वह घर पर ही जरूरी दवाएं ले रहे थे। लेकिन उनकी स्थिति बिगड़ती गई। इसी दौरान उनकी पत्नी और बेटे-बहू भी संक्रमण की चपेट में आ गए। उनके बेटे अश्वनी एक आईटी कंपनी में जॉब करते थे। इसी बीच 27 अप्रैल को दुर्गेश प्रसाद की घर पर ही मौत हो गई। उसके बाद सोसायटी के लोगों की मदद से परिवार के बाकी तीनों सदस्यों को ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 4 मई की शाम को उनके बेटे अश्वनी की भी मौत हुई। उसके बाद 5 मई को दुर्गेश प्रसाद की पत्नी संतोष कुमारी की भी अस्पताल में मौत हो गई। इसके 2 दिन बाद 7 मई को उनकी बहू निर्मला की भी मौत हो गई। एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत की खबर से पूरी सोसायटी में लोगों में दहशत छा गई।

अंतिम संस्कार करने हैदराबाद से आई बेटी
कोरोना संक्रमण से मौत होने के कारण कोई भी डर की वजह से अंतिम संस्कार के लिए आगे आने का साहस नहीं जुटा सका। जब ये खबर दुर्गेश प्रसाद की बेटी को मिली तो वह हैदराबाद से अपने बेटे के साथ यहां आई। उनके बेटे ने ही अपने नाना-नानी का अंतिम संस्कार किया। अभी वह लोग दो शवों का अंतिम संस्कार करके लौटे ही थे कि उन्हें अश्वनी की मौत की खबर मिली। मामा पिता और भाई की मौत के सदमे से वह लोग उबरे भी न थे कि दो दिन बाद रात में बहू निर्मला की भी मौत हो गई।

बेटियों को बुआ के घर भेजा
चार मौत के दुख से टूट चुके रिश्तेदारों के सामने अब 2 मासूम बेटियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी थी। दोनों मासूम बेटियों को ये समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ये क्या हो गया। वह अपनी बुआ से बार-बार मम्मी-पापा और दादा-दादी के बारे में पूछ रही थीं। घर में कोई न बचने पर दोनों बेटियों को बरेली बुआ के घर भेज दिया गया।

नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस
राजकुमार राठी ने बताया कि दाह संस्कार के लिए एंबुलेंस को कॉल किया गया था लेकिन वह नहीं मिल पाई। बाद में प्राइवेट एंबुलेंस मंगवाकर शवों को श्मशान घाट भेजा गया। सोसायटी के ही निवासी अविनाश कौशिक ने बताया कि सोसायटी में लगातार लोग संक्रमित हो रहे हैं और लगभग 10-12 लोगों की अभी तक मौत हो गई है।
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