रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में खतरनाक कोरोना वायरस का संक्रमण जमकर अपना कहर बरपा रहा है। ऐसे में पंचायत चुनाव ने यूपी में कोरोना संकट को न्योता दिया है। जहां एक महीने के अंदर प्रदेश में 120% तेजी से संक्रमण बढ़ गया है जबकि 4 अप्रैल तक 6.30 लाख लोग ही संक्रमित थे, वहीं चुनाव के बाद आंकड़ा बढ़कर 14 लाख हो गया।

तेजी से बढ़ी जानलेवा कोरोना की रफ्तार
बता दें कि कोरोना संकट के बीच प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने का नतीजा सामने आने लगा है। पिछले एक महीने के अंदर प्रदेश में कोरोना की रफ्तार 120% तेजी से बढ़ी है। इसे हम इस तरीके से समझ सकते हैं कि 4 अप्रैल तक प्रदेश में 6 लाख 30 हजार लोग पॉजिटिव लेकिन, इसके बाद जब पंचायती चुनाव की सरगर्मी जब बढ़ती गई तो प्रचार-प्रसार की लहर में कोरोना को बल मिलने लगा और संक्रमितों का आंकड़ा महज एक महीने के अंदर बढ़कर 14 लाख पहुंच गया। इसके साथ ही संक्रमण के मामलों में इजाफा होते ही अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कम पड़ गए। मेडिकल स्टोर पर दवाइयां नहीं मिल रहीं। गांवों में तो इससे भी बुरे हालात हैं।

बदतर हैं ग्रामीण इलाकों के हालात 
ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें मेडिकल स्टोर से पहले जो बुखार की दवा मिल जाती थी वो भी अब नहीं मिल रही है। प्रदेश में अभी 2.59 लाख मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। बाकी 11.51 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 14 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

मौतों में भी जमकर हुआ इजाफा
पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमण के चलते मौत के मामलों में भी इजाफा हुआ है। इस 5 अप्रैल से 5 मई तक के सरकारी आंकड़ों को देखें तो इस दौरान सरकारी आंकड़ों में कुल 5,257 लोगों ने जान गंवाई है। इससे पहले 4 अप्रैल तक 8,894 मौतें हुईं थीं। इस तरह से पंचायत चुनाव के दौरान मौत के मामलों में 59.10% की बढ़ोरती हुई है।
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