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गाजियाबाद :- साइबर अपराधियों ने ऑक्सीजन कन्संट्रेटर दिलाने के नाम पर 3 लोगों से करीब 12 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ितों में एयर फोर्स के विंग कमांडर का भाई और मुख्यमंत्री के ओएसडी का एक करीबी भी शामिल है। रकम ट्रांसफर करने के बावजूद कन्संट्रेटर न मिलने पर पीड़ितों ने फोन मिलाए तो उन्हें हत्या की धमकी दी जाने लगी। एक पीड़ित की तहरीर पर नंदग्राम पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
राजनगर एक्सटेंशन की क्लासिक रेजीडेंसी निवासी प्रत्यूष शर्मा का कहना है कि वह मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते ऑफिस के लिए ऑक्सीजन कन्संट्रेटर की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने वेबसाइट पर जाकर सर्च किया तो रितु अग्रवाल नाम की युवती से उनकी फोन पर बातचीत हुई। रितु ने कहा कि कन्संट्रेटर सप्लायर अक्षित झांब उसके संपर्क में है, वह उसको उनका नंबर दे देगी। साथ ही रितु ने यह भी कहा कि अक्षित से डील की उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
प्रत्यूष शर्मा का कहना है कि अंकित झांब ने उन्हें व्हाट्सएप पर ऑक्सीजन कन्संट्रेटर मशीनों का विवरण भेजा। जिनमें से एक उन्हें पसंद आ गया। पीड़ित का कहना है कि यूएसए से इंपोर्टेड 10 किलो के ऑक्सीजन कन्संट्रेटर का सौदा तय होने के बाद अंकित झांब ने अपनी कंपनी ग्लोबल इंटरप्राइजेज के खाते में रकम मंगाई। उन्होंने 10-10 लीटर की दो मशीनों का सौदा तय करने के बाद कंपनी के खाते में 3 लाख 33 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
प्रत्यूष का कहना है कि उनके अलावा दो अन्य लोगों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर इसी गैंग ने ठगी की है। तीनों से करीब 12 लाख रुपए ठगे गए हैं। एक पीड़ित एयर फोर्स के विंग कमांडर का भाई है तो दूसरा मुख्यमंत्री के ओएसडी का करीबी है। उन्होंने एसएसपी अमित पाठक से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर प्रत्यूष की तहरीर पर नंदग्राम पुलिस ने केस दर्ज किया है। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण एसएसपी ने थाना पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच को भी घटना के खुलासे में लगा दिया है।
जिन नंबरों से बातचीत व चैटिंग हुई है, उनके आधार पर आरोपियों को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। नंदग्राम पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच को भी गैंग पकड़ने में लगाया गया है। जल्द ही घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। - निपुण अग्रवाल, एसपी सिटी