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गाजियाबाद :- कोरोना को मात देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बांटी जा रही निशुुल्क मेडिकल किट पर भरोसा करें। इन दवाओं को लेकर जिले के करीब 3 हजार से अधिक लोग बिल्कुल स्वस्थ हो गए। सरकारी मेडिकल किट कोरोना के लक्षणयुक्त 3808 मरीजों को दी गई थी। इनमें तीन हजार ठीक हो गए, जबकि बाकी अभी दवाएं ले रहे हैं। पूर्व में भ्रांति फैली थी कि सरकारी दवाइयों की अपेक्षा बाजार से खरीदी गई ब्रांडेड दवाओं से जल्दी आराम मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि जो दवाइयां विभाग द्वारा मरीजों को दी जाती हैं, वह बाजार से मिलने वाली किसी भी दवा से कम नहीं हैं।

5 से 10 मई के बीच पांच दिवसीय विशेष गृह भ्रमण अभियान में आशा कार्यकर्ताओं ने 1.37 लाख से ज्यादा घरों पर दस्तक दी। कुल 3808 कोविड से मिलते-जुलते लक्षणों वाले व्यक्ति मिले। सभी को स्वास्थ्य विभाग की दवा की निशुल्क किट दी गई। लक्षणयुक्त व्यक्तियों में सबसे ज्यादा 2463 व्यक्तियों को बुखार की शिकायत थी। सर्दी, जुकाम-खांसी के लक्षण वाले 1164, सांस लेने में परेशानी की शिकायत करने वाले 120, बुखार के साथ दस्त की शिकायत वाले 55 और स्वाद-गंध खोने की शिकायत करने वाले मात्र 6 व्यक्ति मिले।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) अनुराग भारती ने बताया होम सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कुल एक लाख, 37 हजार, 663 घरों में जाने का लक्ष्य दिया गया था। आशा एक लाख 37 हजार 224 घरों में गईं। इस दौरान सबसे ज्यादा 1109 लक्षण युक्त मामले भोजपुर ब्लॉक में मिले। दूसरे नंबर पर 965 मामले मुरादनगर ब्लॉक में, 911 मामले लोनी ब्लॉक और सबसे कम 823 मामले रजापुर ब्लॉक में पाए गए। इसी प्रकार बुखार के भी सबसे अधिक 743 मामले भोजपुर ब्लॉक में मिले। 633 मामले मुरादनगर ब्लॉक में, 579 मामले लोनी ब्लॉक में और 508 मामले रजापुर ब्लॉक में मिले हैं। सभी लक्षण युक्त व्यक्तियों को शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई निशुल्क मेडिकल किट उपलब्ध कराने के साथ ही आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड के लक्षण व बचाव के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी।
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