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गाजियाबाद :- आप ऑक्सीजन सिलेंडर की होम डिलीवरी का मेसेज देखें तो उस पर कोई भी रिएक्ट करने से पहले सावधान हो जाएं। लोगों को ठगने के लिए ठगों ने यह रास्ता अपनाना शुरू किया है। बीते कुछ दिनों में पुलिस के पास ऐसी कई शिकायतें आई हैं, जिनमें ऑक्सीजन सिलिंडर की होम डिलीवरी के नाम पर लोगों से हजारों रुपये की ठगी कर ली गई।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म और व्हाट्सएप ग्रुप पर ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता और सिलिंडर की होम डिलीवरी के मेसेज वायरल हो रहे हैं। इन पर फोन करने के बाद झांसे में आने की बजाय क्रॉस चेक करें। इन मेसेज में चल रहे नंबर साइबर अपराधियों के हैं। फर्जी सामाजिक संगठनों के नाम से मदद की पहल करने का हवाला देते हुए कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों को ऑक्सीजन सिलिंडर की होम डिलीवरी का झांसा दिया जा रहा है। लोगों से कहा जा रहा है कि समाजसेवा के तहत होम डिलीवरी का कोई भी चार्ज नहीं लिया जा रहा है।

एडवांस के नाम पर खाते में डलवाई जा रही रकम
होम डिलीवरी का कोई चार्ज न लेने का झांसा देने वाले साइबर अपराधी उन लोगों से एडवांस के नाम पर रकम ऐंठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि सिर्फ ऑक्सीजन रिफिल की रकम का कुछ हिस्सा एडवांस के तौर पर खाते में डालना है। उसके 2 से 3 घंटे के भीतर ऑक्सीजन का सिलिंडर घर पहुंच जाएगा। खाते में रकम ट्रांसफर कर आते ही मोबाइल नंबर या तो बंद हो जा रहा है या फिर कॉल रिसीव नहीं की जा रही।

दर्जनभर से अधिक लोगों को बनाया निशाना
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सोशल मीडिया में व्हाट्सएप ग्रुप पर ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने का झांसा देकर गाजियाबाद के दर्जन भर से अधिक लोगों से ठगी की गई है। एडवांस के तौर पर दो से 10 हजार रुपये तक की रकम खाते में डलवाई जा रही है। साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ कविनगर अभय कुमार मिश्रा का कहना है कि किसी भी संदेश को पढ़कर उस पर कोई प्रतिक्रिया करने से पहले उसके बारे में जांच-पड़ताल कर लें। इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं।
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