रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- कोरोना के मरीजों को ब्लैक फंगस संक्रमण का खतरा भी घेर रहा है । ये संक्रमण महाराष्ट्र-गुजरात के कुछ जिलों के बाद मेरठ में भी देखने को मिला है। मुजफ्फरनगर और बिजनौर के 2 मरीज न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती हैं, जिन्हें ब्लैक फंगस की बीमारी हो गई है। दोनों कोविड पेशेंट हैं और उनका इलाज चल रहा है । वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित 3 मरीज घातक ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस की चपेट में आ गए हैं।

बता दें कि लख्ननऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इन तीनों मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस होने की पुष्टि की गई है। केजीएमयू के मेडिसिन डिपार्टमेंट में इनका इलाज चल रहा है। बता दें कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस के होने की शिकायत मिल रही थी। अब केजीएमयू ने आधिकारिक तौर से मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि की है।

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद के मुताबिक, म्यूकर माइकोसिस एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। यह संक्रमण मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर कर रहा है। इस बीमारी में कई के आंखों की रौशनी चली जाती है वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है। अगर समय रहते इलाज न मिले तो मरीज की मौत हो सकती है।

न्यूटिमा अस्पताल के एमडी और वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गर्ग ने बताया कि दोनों मरीज म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस या काली फफूंद) से पीड़ित हैं, जिनका डॉक्टर ब्लैक फंगस के लिए इलाज कर रहे हैं । कोविड की पहली लहर के दौरान ऐसे मरीजों की संख्या देश में बहुत कम थी। देश में महाराष्ट्र और गुजरात में खास तौर पर म्यूकरमायकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं ।
Previous Post Next Post