डॉक्टर बी पी त्यागी


सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻


गाजियाबाद :- आरडीसी में स्थित हर्ष अस्पताल में काला फंगस (म्युकरमायकोसिस) होने का मामला सामने आया है। यहां कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को आंख में परेशानी होने लगी। उसकी आंख का ऑपरेशन किया गया है। अब उसकी हालत ठीक है।

अस्पताल के डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि काला फंगस कोरोना इलाज के दौरान अधिक स्टेरायड लेने से होता है। काला फंगस शुगर व कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों को अपना शिकार बनाता है। इस बीमारी के लक्षणों में चेहरे पर सुन्नापन आना, एक तरफ या दोनों तरफ की नाक का बंद होना, आंखों में कालापन, सूजन, आंख की पुतली का न घूमना, आंख से दो-दो दिखाई देना, तालु की लालिमा का खत्म होना, दांतों का हिलना, खाने में दिक्कत होना, सरदर्द, चक्कर आना, उल्टी आना, बेहोशी छाना व सुस्ती आना है।

काला फंगस के इलाज में पहले दिन ऑपरेशन करके डॉक्टर हर तीसरे दिन दूरबीन विधि से नाक की सफाई करता है। अच्छा इलाज लेकर 100 में से पांच मरीज ही बच पाते हैं। अगर काला फंगस दिमाग तक पहुंच जाए तो 100 में से सिर्फ एक मरीज ही बच पाता है।
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