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गाजियाबाद :- कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने ना जाने कितने अपनों को असमय निगल लिया। अचानक अपनों के निधन ने मीडिया जगत को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया। एक के बाद एक मीडिया कर्मियों व परिजनों की मौत ने अंदर तक हिला कर रख दिया। एक सदमे से उबर नहीं पाते तब तक दूसरा गम सामने आ खड़ा होता। ऐसे ही हंसमुख मिलनसार वरिष्ठ पत्रकार मोहन शुक्ला भी हमारे बीच नहीं रहे। 

उन्होंने गाजियाबाद के कई अखबारों में सेवाएं दी और वर्तमान में वह अपनी मैगजीन निकाल रहे थे । अचानक आए बुखार के चलते उन्हें इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 6 मई को उन्होंने अंतिम सांसे ली। इससे पहले उनकी जीवन संगिनी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अभी वह उस सदमे से उबर ही रहे थे कि उनके बच्चों के सिर से भगवान ने पिता का साया भी छीन लिया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।
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