रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- नदियों में बहाए गए शव मिलने को लेकर विपक्ष के आरोपों से घिरी उत्तर प्रदेश सरकार अब धर्म गुरुओं का सहारा लेकर इस सिलसिले में लोगों को जागरूक करेगी। सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम नाइन के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शवों की अंत्येष्टि के लिए जल प्रवाह अथवा नदी के किनारे दफनाने की प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल नहीं है और इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद किया जाए क्योंकि लोगों को जागरूक करने की आवश्यक्ता है। 

उन्होंने आदेश दिया कि एसडीआरएफ तथा पीएसी की जल पुलिस प्रदेश की सभी नदियों में लगातार गश्त करती रहें और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में शव का जल प्रवाह न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनाएं हैं और अंत्येष्टि की क्रिया मरने वाले की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ससम्मान की जाए। उन्होंने कहा कि अंत्येष्टि क्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय सहायता भी दी जा रही है और यदि परम्परागत रूप से भी जलसमाधि हो रही है अथवा कोई लावारिस छोड़ रहा है तो भी उसकी धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप उसका अंतिम संस्कार कराया जाए। 

गौरतलब है कि प्रदेश के बलिया, गाजीपुर और उन्नाव समेत कई जिलों में नदियों में बड़ी संख्या में शव बहते पाए गए थे। इसके अलावा गंगा नदी के किनारे रेत में भी खासी तादाद में शव दबे हुए पाए जाने की खबरें सुर्खियों में आई थीं। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है और वह इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
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