सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻


गाजियाबाद :- चक्रवात के चलते रुक-रुक कर हो रही बारिश ने शहर की नाला सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। गाजियाबाद से लेकर साहिबाबाद के अधिकांश इलाकों में जबरदस्त जलभराव हो गया। हालात यह रहे कि बारिश थमने के बाद भी कई कॉलोनियों की सड़कों से पानी नहीं उतरा। जलभराव के चलते लोग घरों में ‘कैद’ हो गए। ज्यादा जलभराव वाले क्षेत्रों में नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पंपसेट लगवाकर सड़कों पर जमा पानी निकलवाया।

नगर निगम आमतौर पर अप्रैल के अंत से या मई के शुरूआत में नालों की सफाई शुरू करा देता है। 20 मई तक अधिकांश नाले साफ हो जाते हैं। मई में बारिश होती है तो जलभराव से लोगों को जूझना नहीं पड़ता। इस बार नगर निगम का नाला सफाई अभियान भी कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया। नगर निगम के बड़े नालों की सफाई अब शुरू की गई है। 

चक्रवात के चलते करीब 24 घंटे से अधिक रुक रुककर बारिश हुई तो शहर के नाले ऊफान मारने लगे। नालों और सीवर लाइन के ओवरफ्लो हो जाने की वजह से कॉलोनियों में पानी भर गया। सबसे ज्यादा जलभराव गोविंदपुरम, पटेल नगर, प्रताप विहार, चिरंजीव विहार, अवंतिका और साहिबाबाद के विभिन्न इलाकों में हुआ। वहीं कॉलोनियों के पार्क भी पानी से लबालब हो गए।

तालाब के रूप में तब्दील हो गईं गोविंदपुरम की सड़कें
गोविंदपुरम के विभिन्न ब्लॉकों में बारिश की वजह से पानी सड़कों पर जमा हो गया। यहां जल निकासी के लिए बनाई गई अधिकांश नालियां मिट्टी से अटी हुई हैं। सड़कों का पानी बड़े नाले तक पहुंचाने वाली नालियों के जाम होने की वजह से सड़कों से पानी निकलना दूभर हो गया। जलभराव की वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है। लगातार बारिश होने की वजह से कुछ इलाकों में जलभराव हुआ था, जो बारिश रुकने के कुछ ही घंटों में ड्रेनेज के माध्यम से निकल गया। जलकल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जलभराव वाले प्वाइंट को चिह्नित करने और उनके लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। 
- महेंद्र सिंह तंवर, नगरायुक्त
Previous Post Next Post