रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष उदित मोहन गर्ग ने बताया कि 1 जुलाई 2021 को जीएसटी प्रणाली को लागू हुए 4 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे इस बीच व्यापारियों को जीएसटी प्रणाली से कुछ फायदे हुए हैं तो कुछ नुकसान भी हुए हैं। आज हम 4 वर्ष पूर्ण होने पर व्यापारियों के अनुभव को साझा कर रहे हैं, कोई भी परिवर्तन किया जाता है तो हमेशा उसके फायदे एवं नुकसान दोनों होते हैं। नुकसानओं को धीरे धीरे सरकार द्वारा कम करने की कोशिश करनी चाहिए जिससे कि व्यापारियों में सरकार के प्रति आत्मविश्वास बढ़े और नियमों व कानून का अनुपालन करने में अपने को सक्षम महसूस कर सकें इसलिए हम सरकार से यह आशा करते हैं की वह जल्द से जल्द व्यापारियों की समस्याओं को सुनकर एवं जमीनी हकीकत को जानकर जो कमियां रह गई है उन्हें दूर करें।

जीएसटी के कुछ लाभ
1). बहुत सारे टैक्सों से राहत मिली और देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग टैक्स की दरों से राहत प्राप्त हुई

2). 1 लाख करोड़ से अधिक का राजस्व का लक्ष्य प्राप्त हो चुका है पिछले 7 महीनों से जिसे पूर्ण किया जा रहा है

3. टैक्स पर टैक्स की वजह से बढ़ने वाले बोझ को लगभग  कम करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है
4. अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि हुई है जो जीएसटी के पहले अब लगभग दुगना हो गया है

जीएसटी के कुछ नुकसान
1). टैक्स सरलीकरण मैं जीएसटी पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाया इसमें जटिलताओं के कारण आज भी समस्याएं बनी हुई है

2). जीएसटी सिस्टम  आज तक स्थिर नहीं है बार-बार होने वाले बदलावों के कारण आज की समस्याएं उत्पन्न होती हैं

3). जीएसटी में सबसे बड़ी समस्या इनपुट टैक्स क्रेडिट आईटीसी बना हुआ है जिसके लिए बार-बार नियमों को कड़ा करा जा रहा है जबकि इन्हें सरल करने की आवश्यकता है बाधारहित इनपुट टैक्स क्रेडिट एक सपना सा लगने लगा है

4). जीएसटी में एक रिटर्न जीएसटीआर 3बी जो प्रारंभिक 2 माह के लिए लाया गया था लेकिन 4 वर्ष बाद भी यह मुख्य रिटर्न बन हुआ है। इस रिटर्न में गलती हो जाने पर संशोधन का प्रावधान नहीं है जब कि जीएसटी कानून में ऐसी कोई रोक नहीं है। यह स्तिथि डीलर्स को शुरू से परेशान कर रही है। 

5). जीएसटी में लेट फीस एक बहुत बड़ा मुद्दा है। सरकार ने लेट फीस माफ कर दी या कम कर दी लेकिन उससे पहले ही कई डीलर्स ईमानदारी से पूरी लेट फीस भर कर अपना रिटर्न भर चुके थे। लेट फीस माफ हुई तो इन डीलर्स की लेट फीस लौटाई नहीं गई। इन डीलर्स के साथ तर्कपूर्ण न्याय नहीं हुआ।

पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष उदित मोहन गर्ग ने कहा कि आज व्यापारी जीएसटी पंजीयन लेने से घबरा रहा है। सरकार को व्यापारियों के मध्य जीएसटी के प्रति आत्मविश्वास पैदा करने की बहुत ही आवश्यकता है। सरकार को कुछ ऐसे निर्णय लेने चाहिए जिससे कि जो व्यापारी जीएसटी पंजीयन ले रहा है अगर उससे कोई नियमों का पालन करने में कोई गलती हो जाती है तो उसे भारी लेट फीस और पेनल्टी ना लगे कुछ समय के लिए उसे राहत दी जानी चाहिए।

जीएसटी के 4 वर्ष पूरे होने पर हम सरकार से यह मांग करते हैं कि पिछले वर्षों में जो भी व्यापारियों से अनजाने में गलती हो गई है उन पर ब्याज पेनल्टी और लेट फीस ना लगाते हुए एक समाधान योजना लाई जाए, जिससे व्यापारियों में जीएसटी के प्रति  विश्वास बढ़ेगा और कानूनी कार्रवाई से व्यापारी को छुटकारा मिलेगा।
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