रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को गूगल फार्म के माध्य्म से एक रेंडम सर्वे कराया गया जो कि सरकार द्वारा जुलाई से स्कूल खोलने के निर्णय पर अभिभावको द्वारा बच्चों को स्कूल भजेने की सहमति / असहमति को लेकर था डॉक्टर्स , साइंटिस्ट और मीडिया की खबर के अनुसार  कोरोना की तीसरी लहर जो कि बच्चों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकती है को देखते हुये गूगल फॉर्म सर्वे में  शामिल 96.2% पेरेंट्स ने बच्चो को जुलाई से स्कूल भेजने के लिये असहमति जताई है जबकि सर्वे के दूसरे प्रशन्न क्या बिना वैक्सीन लगे आप बच्चो को स्कूल भेजेंगे के जबाब में 96.9% पेरेंट्स ने बच्चो को बिना वैक्सीन लगे स्कूल नही भेजने के उत्तर का चुनाव किया है 

अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंतित है मीडिया के माध्य्म से लगातार खबरे आ रही कि सितंबर - अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है जो बच्चों के लिये  ज्यादा घातक साबित हो सकती है जिसको लेकर पेरेंट्स में भय का माहौल है पेरेंट्स बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर  कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नही है ज्यादातर पेरेंट्स का कहना है कि अभी सरकार को बच्चों के लिए स्कूल नही खोलना चाहिए छोटे बच्चों का स्कूल जाकर नियमो का पालन करना लगभग असंभव है जिसको देखते हुये सर्वे में शामिल हुई 96 % पेरेंट्स ने बच्चों को स्कूल भेजने पर असहमति जताई है 

जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि देश के डॉक्टर्स , वरिष्ठ वैज्ञानिक और मीडिया लगातार देश की जनता और सरकार को कोरोना की तीसरी लहर के आने की चेतावनी दे रहे है और विशेष तौर से कह रहे है कि यह लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकती है इसलिये सरकार को अभी बच्चों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय पर विराम लगा कर तीसरी लहर के प्रकोप से देश की जनता और बच्चों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी शरू करनी चाहिए और बच्चों को जल्दी से जल्दी वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी कर देश की युवा पीढ़ी को सुरक्षा कवच देना चाहिए अभी पेटेंट्स कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुये अपने बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा मोल नही लेना चाहते है इसलिये सरकार को भी अभी स्कूल खोलने के निर्णय पर पूर्ण विराम लगाना चाहिए
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