रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित विधायकों द्वारा मंगलवार को अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद रजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। बुधवार को बसपा अध्यक्ष मायावती ने अखिलेश यादव को कड़े लहजे में चेतावनी दी कि यदि पार्टी के निष्कासित विधायकों को शामिल कराया तो समाजवादी पार्टी में फूट पड़ेगी और पार्टी टूट जाएगी। 

बता दें कि बसपा से निष्कासित असलम राइनी, मुजतबा, हाकिम लाल, हरगोविंद भार्गव और सुषमा पटेल के कल मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात और बंद कमरे मे बातचीत के बाद घटे राजनीतिक घटनाक्रम में आज मायावती ने लगातार पांच ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने बसपा के निष्कासित विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया तो सपा में फूट होगी और उसके विधायक बसपा में शामिल होंगे।

उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सपा के कुछ विधायक बसपा में आने को तैयार बैठे हैं। घृणित गठजोड़, द्वेष और जातिवादी आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पाटर्ी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रकाशित करवाना कि बसपा के कुछ विधायक टूट कर सपा में आ रहे घोर छलावा है। उन्होंने कहा कि इन्हें काफी पहले ही सपा और एक उद्योगपति के बीच मिली भगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में दलित के बेटे को हराने के प्रयास के कारण निलंबित किया जा चुका है।

मायावती ने कहा कि सपा इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी इमानदार होती तो इन्हें अधर में नहीं लटकाये रखती। उन्होंने कहा कि सपा का चाल चरित्र चेहरा हमेशा से दलित विरोधी रहा है और वो सुधार के लिये कतई तैयार नहीं है। बसपा के कार्यकाल में भदोही का नाम संत रविदास नगर किया गया था जिसे सपा ने अपने कार्यकाल में फिर बदल कर भदोही कर दिया।
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