रिपोर्ट :- सोबरन सिंह


गाजियाबाद :- राजनीतिक रसूख तक पहुंचने के लिए पैसे के लेन-देन के आरोप लगना, वोटों की खरीद फरोख्त किया जाना ये ऐसे आरोप हैं जो अक्सर राजनीति में लगाये जाते हैं। यह चलन केवल भारत में ही नहीं है बल्कि पूरी दुनिया में है। अब अगर धुआं है तो चिंगारी भी जरूर होगी।

लोनी ब्लॉक प्रमुख चुनाव राजनीति के नए आयाम तय कर रहा है। सूत्रों की माने तो लोनी का यह चुनाव सरकार को मजबूर कर देगा कि राजनीति को व्यापार या प्रोफेशन घोषित कर दिया जाए। इस बात पर किसी का भी चौंक जाना लाज़मी है। परंतु यह सत्य है, सूत्रों के अनुसार बात कुछ यूं है कि लोनी ब्लॉक प्रमुख चुनाव में एक माननीय, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को अपने पक्ष में वोट करने के लिए चेक पकड़ा रहे हैं। अब समझिए कि यह राजनीति को व्यापार बनाने का प्रयास नहीं तो और क्या है। अब तक खरीद फरोख्त होती थी तो नगद नारायण का इस्तेमाल किया जाता था। ताकि आरोप कितने भी लगें पर सिद्ध ना हों। 

अब यह राजनैतिक अपरिपक्व योजना आयी कहाँ से यह भी बहुत महत्वपूर्ण बात है। जब इसकी जानकारी के सूत्र फैलाये गए तो इस छोटे चुनाव की बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी। सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव की योजना में आसपास के दो और माननीय भी अप्रत्यक्ष रूप से कूद चुके हैं। दोनों घनघोर राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। अब ब्लॉक प्रमुख जैसे छोटे चुनाव पर तीन माननीयों की तिकड़ी काम कर रही है। जानकारी के अनुसार तिकड़ी ने योजना की है कि चुनाव को इतना महंगा कर दो कि सामने वाला घुटने टेक दे। इस योजना के तहत कभी कैश ना होने वाले चेक थमाने शुरू किए गए हैं। जिन माननीय ने यह योजना बनाई है वह पहले भी भाजपा और सपा के चुनाव में यह तरकीब लगा चुके हैं। परन्तु अपने प्रत्याशी को हरा कर घर बैठ गए थे। उस चुनाव में इन माननीय के सामने समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव जीता था। अब देखना है कि माननीय जी की योजना क्या गुल खिलाएगी। क्या इन चैकों का भुगतान हो पायेगा या मात्र कागज के9 टुकड़े ही सिद्ध होंगे।

खैर हो कुछ भी सरकार को राजनीति को व्यापार घोषित कर इसमें चेक से भुगतान की व्यवस्था को मान्यता पर विचार करना ही चाहिए। 
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