अविमुक्तेश्वरानंद नंद सरस्वती


सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻


अयोध्या :- राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुए एक वर्ष भी नहीं हुआ कि विवादों का दौर शुरू हो गया है। राममंदिर के विस्तारीकरण के लिए जमीन खरीद को लेकर उठा विवाद अभी थमा भी नहीं था कि दूसरी ओर परिसर के आसपास के मंदिरों के अधिग्रहण के बाद वहां विराजमान विग्रह को लेकर कुछ संत न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं। अयोध्या पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद ने जहां एक तरफ ट्रस्ट द्वारा खरीदी जमीन को लेकर ट्रस्टियों को आड़े हाथों लिया तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर विस्तारीकरण के लिए मंदिरों को तोड़े जाने को न्यायालय जाने के बात भी कही। 

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर हंगामा बरपा तो साधु संत भी सामने आने लगे हैं। शारदा पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी अयोध्या पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे तौर पर ट्रस्ट को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के नाम पर ट्रस्ट बनाया गया है इसलिए उसका उद्देश्य राम जी के आदर्शों की स्थापना है। इसलिए इस विवाद पर शीघ्र से शीघ्र निष्पक्ष लोगों की जांच कमेटी बनाई जाए और जब तक जांच चलें। जिन लोगों पर आरोप लगा है उनको हर तरह के दायित्व से मुक्त कर दिया जाए। 

अविमुक्तेश्वरानंद नंद सरस्वती यही तक नहीं रुके आगे कहा कोई बंद आंखों वाला भी देखेगा तो 2 मिनट पहले कोई चीज 2 करोड़ की होती है और 8 मिनट बाद 8 करोड़ की हो जाती है यह नहीं हो सकता। लेकिन आप ने करके दिखा दिया है और आप कहते हैं एकदम सही है, आपको जांच से भागना नहीं चाहिए। इसी के साथ उन्होंने सीधे तौर पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्र पर निशाना साधते हुए कहा की जिन्होंने गवाही दी है जिन्होंने रजिस्ट्री कराई है इन दोनों को कार के तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए जब तक यह निर्दोष साबित नहीं होते । साफ जाहिर है बात निकली है तो बड़ी दूर तलक जाएगी। 
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