◼️कंप्रेस्ड हवा के गुरुत्वाकर्षण व जल उत्प्लावन बल के सिंक्रोनाइजेशन से बिजली बनाने की मशीन का मीडिया के सामने किया डेमो


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- जल निगम के अधिशासी अभियंता अमित शेरावत ने अपने मित्र टाटा ग्रुप में मैनेजर रामानुज तिवारी के साथ मिलकर एक ऐसी मशीन तैयार की है, जिससे कंप्रेस्ड हवा के गुरुत्वाकर्षण व जल उत्प्लावन बल के सिंक्रोनाइजेशन से बिजली बनाती है। उन्होंने अपनी इस खोजी मशीन को ग्रैविटी बॉयेंसी पावर (जीबीपी)प्लांट का नाम दिया है, जिसे 'इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी इंडिया' के नाम से पेटेंट के लिए भेजा है। गाजियाबाद में निर्मित इस जीबीपी (मशीन) का शुक्रवार को मीडिया के सामने डेमो किया गया।

गाज़ियाबाद मेरठ इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक कंपनी में आयोजित प्रेस वार्ता में अमित सहरावत ने दावा किया कि वे पिछले 6 माह से अपने मित्र रामानुज तिवारी के सहयोग से इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जीबीपी प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए किसी ईंधन या जीवाश्म ईंधन का प्रयोग नहीं किया जाता है। जीबीपी सबमरीन के सिद्धांत पर काम करता है और इस प्लांट के माध्यम से मात्र एक रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से किसानों को विद्युत आपूर्ति करना संबंध है।

सहरावत का दावा है कि जीबीपी प्लांट में किसी भी तरह के ईंधन, डीज़ल, गैस या सौर ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती, इसकी टेक्नोलॉजी से किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस तकनीक में गियर मैकेनिज्म के साथ मेकेनिकल चेन ड्राइव का इस्तेमाल करके अल्टीनेटर को घुमाने के लिए लो स्पीड आरपीएम को 1500  आरपीएम तक बढ़ाया जा सकता है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने जापान के चुबू इलेक्ट्रिक निशि-नागोया पावर प्लांट ब्लॉक-1 को दुनिया का सबसे दक्ष कंबाइंड- साइकिल पावर प्लांट घोषित किया है। जेई के 7 एचए गैस टरबाइन से चलने वाले इस प्लांट में 63.08 प्रतिशत सकल दक्षता हासिल की गयी है, जबकि भारत की इस नई जीबीपी प्लांट से बिजली उत्पादन करके विश्व मे सर्वाधिक 80 प्रतिशत सकल दक्षता प्राप्त की जा सकती है। इन नई भारतीय खोज के आविष्कारक अमित सहरावत ने प्रदेश व भारत सरकार से मांग की है कि सरकार उनके इस प्रोजेक्ट को सहयोग करे तो वे किसानों व शहरों के लिए प्रदूषण रहित मात्र एक रुपये प्रति यूनिट विद्युत आपूर्ति कर सकते हैं। इस अवसर पर लोकेश अग्रवाल भी मौजूद थे।
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