रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- जीडीए द्वारा मधुबन बापूधाम आवासीय भूखंड योजना के पूर्व आवंटियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुआवजे की बढ़ी हुई दरों का उदाहरण देकर गलत तथ्यों के आधार पर भूखंडों की कीमतें बढ़ाए जाने पर लॉक लगाने एवं प्रकरण की जांच करने के संबंध में मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसाइटी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि जीडीए ने मधुबन बापूधाम आवासीय भूखंड योजना 2009 से 2012 तक विभिन्न 3 चरणों में निकाली थी। किंतु अब पुराने आवंटित से नई दरों की मांग करना योजना में आवंटी के पक्ष में निष्कासित फ्रीहोल्ड सीट के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है क्योंकि आपसी सहमति के आधार पर अधिग्रहित कब्जा प्राप्त 800 एकड़ भूमि से संबंधित दिया गया है 

उन्होंने बताया कि इस 800 एकड़ भूमि पर बिक्रीकर आरक्षित सभी भूखंडों के लिए दोरा मानक जीडीए का मनमाना वह अवैधानिक फैसला है और इस पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार जीडीए उपाध्यक्ष से भी मुलाकात कर चर्चा की जा चुकी है तथा मेरठ कमिश्नर को भी इस संबंध में अवगत कराया गया है किंतु जीडीए द्वारा कोई भी राहत नहीं दी जा रही हैं। 

मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसाइटी के सचिव लीलाधर मिश्रा ने कहा कि कई बार बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखने की बात कही गई किंतु एक बार भी जीडीए ने इस मसले को बोर्ड बैठक में नहीं रखा उनकी मांग थी कि 26 अगस्त को जीडीए बोर्ड बैठक होनी है जिसमें मधुबन बापूधाम आवासीय भूखंड योजना के संबंध में प्रस्ताव रखा जाए ताकि जीडीए की मनमानी पर रोक रख सके। इसके लिए मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी जीडीए बोर्ड सदस्यों से भी संपर्क कर अपना पक्ष रखते हुए जीडीए बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने का निवेदन करेंगे। इस दौरान कोषाध्यक्ष बबीता त्यागी एवं एडवोकेट कल्याण सिंह ने भी मधुबन बापूधाम योजना के संबंध में पत्रकारों से चर्चा की।
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