रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- गणेश उत्सव को लेकर मूर्ति कारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। गणेश मूर्ति कारों को पिछले 2 साल से कोरोना की मार झेलनी पड़ रही है।                        

हरिद्वार में अन्य त्योहार की तरह गणेश उत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र मुंबई में गणेश उत्सव का विशेष महत्व है। जिसमें गणेश उत्सव की तैयारियां काफी समय पहले से ही आरंभ हो जाती है।  बड़े-बड़े मूर्तिकार भगवान गणेश की भव्य और सुंदर प्रतिमाएं बनाते हैं। गणपति भगवान की 11 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना घरों में की जाती है उसके बाद प्रतिमाओं को बड़ी धूमधाम के साथ विसर्जन किया जाता है।                            

हरिद्वार नगरी में भी कई सालों से गणेश उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।  भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से गणेश प्रतिमाओं की 11 दिनों की पूजा अर्चना उपरांत बैंड बाजों के साथ जुलूस के रूप में गणेश प्रतिमाओं को गंगा घाट पर विसर्जन किया जाता है। कोरोना महामारी के कारण हरिद्वार मूर्ति कारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

आज बातचीत में हरिद्वार के मूर्तिकार देव परीडा ने बताया कि कोरोना के कारण गणेश उत्सव पर इसका सीधा असर पड़ेगा। इस स्थिति में हालात कैसे होंगे पहले गणेश उत्सव पर भव्य और विशाल मूर्तियों का निर्माण होता था। अब मूर्तिकार दो या तीन फुट तक ही मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। अभी तक बड़ी मूर्तियों का आर्डर भी नहीं मिला है। ऐसे में गणेश की छोटी प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। कोरोना काल से पहले गणेश प्रतिमाओं के बनने की चार-पांच माह पहले बुकिंग हो जाया करती थी। किंतु अब मूर्तियों की बिक्री पर करो ना महामारी का सीधा असर पड़ रहा है। ऐसे में हरिद्वार की जनता और मूर्ति कारों में गणेश उत्सव की तैयारियों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
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