रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- किसान आंदोलन का असर उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी नजर आने लगा है। बीजेपी जहां इसे विपक्ष की साजिश करार दे रही हैं, वहीं कांग्रेस ​खुलकर किसानों के समर्थन में आ चुकी है।इतना ही नहीं कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो किसानों के समर्थन में 27 तारीख को भारत बंद में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। साफ है कि किसानों के आंदोलन का असर चुनावी साल में वोटों पर भी पड़ना तय है।

उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दल हर मुद्दे को अपने-अपने पक्ष में करने में जुट हैं। ऐसे में देशभर में किसानों के आंदोलन को लेकर उत्तराखंड में भी राजनीति तेज हो गई है। उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा निकाली। पहले चरण में कांग्रेस की और से पूर्व सीएम हरीश रावत परिवर्तन रैली में किसानों को जिक्र ​करना नहीं भूले। हरीश रावत ने किसानों के समर्थन में खुलकर अपना पक्ष रखा। और 27 तारीख को भारत बंद का हिस्सा बनने का ऐलान भी किया। हरीश रावत ने कहा कि किसान हमारा समर्थन चाहें या ना चाहें। 

उन्होेंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है। उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में किसानों को अच्छा-खासा वोटबैंक है। ऐसे में हरीश रावत ने किसानों को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झौंक दी है। उत्तराखंड में हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल, देहरादून जिलों की विधानसभा सीटों पर किसानोंं का सीधा-सीधा प्रभाव नजर आता है। ऐसे में इन जिलों के किसानों के वोटबैंक जो दल अपने पक्ष में करने में कामयाब होगा, उसका असर चुनाव परिणामों में दिखना तय है।

बीजेपी का दावा किसानों का आशीर्वाद हमेशा मिलेगा
 बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तो दावा कर रहे हैं कि किसान बाहुल्य क्षेत्रो में पार्टी को पहले भी आशीर्वाद मिलता रहा है और भविष्य में भी किसानोंं का आशीर्वाद मिलेगा। दरअसल बीजेपी में सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक दोनों तराई क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में बीजेपी को लगता है कि इसका फायदा वे चुनाव में उठा सकते हैं।
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