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गाजियाबाद :- पिछले 16 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता को पुलिस प्रशासन गाजियाबाद के द्वारा उत्पीड़न करने व न्याय न मिलने और कानूनी प्रक्रिया को गलत व असत्य कथनों पर कहानी गढ़ अधिवक्ता को न्याय से वंचित रखने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे अधिवक्ता  मानसिक, सामाजिक व आर्थिक उत्पीड़न सहने को मजबूर है। आरोपी के प्रभाव व राजनैतिक दबाव में पुलिस द्वारा कोई कानूनी कार्यवाही नही की गई। 

पुलिस न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करने और आरोपियों को सक्रीय सहयोग कर रही है। आरोपियों और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एडवोकेट प्रमोद एआर निमेश के पास पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है लेकिन विभाग अपने कर्मचारियों को बचाने का लगातार प्रयास कर रहा है। चूंकि एडवोकेट प्रमोद एआर निमेश का कहना है कि में अनुसूचित जाति से संबंधित हु और आरोपी और थाना प्रभारी निरीक्षक स्वर्ण जाति से, इसलिए मेरे साथ न्याय नही मिल रहा है। एडवोकेट प्रमोद एआर निमेश जातीय व्यवस्था के तहत उत्पीड़न सहने के लिए विवश है। 

9 माह के लंबे समय के व्यतीत होने के बाद भी न्याय से वंचित है। उन्हें न्याय पाने में हिंदू होना अभिशाप महसूस हो रहा है। जिससे विवश आज एडवोकेट प्रमोद एआर निमेश ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को जिलाधिकारी गाजियाबाद के द्वारा अपनी पीड़ा और साक्ष्यों के उल्लेख करते हुए न्याय में बांधा बन रहे हिन्दू धर्म का त्याग और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार अन्तःकरण से अन्य धर्म को स्वीकार करने के लिए ज्ञापन दिया है? 

सूत्रों के अनुसार एडवोकेट साहब का थाना इंदिरापुरम पुलिस के द्वारा सक्रिय उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसकी लगभग 50 से ज्यादा शिकायत पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं संबंधित अधिकारियों को भेजी गई। लेकिन किसी भी विभाग के अधिकारियों ने उनको राहत नहीं दी है। जिससे उन्होंने पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अपना धर्म परिवर्तन करने का मन बनाया हैं। जिसके संबंध में आज जिलाधिकारी गाजियाबाद को ज्ञापन दिया गया है। अब देखना है कि इस प्रकरण पर प्रदेश के मुखिया क्या संज्ञान लेते है? ये तो आने वाला समय ही बतायेगा । 

पीड़ित का मोबाइल नंबर 9810155679
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