◼️जीपीए ने यज्ञ पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने बुधवार को प्रदेश के निजी स्कूलो द्वारा कोरोना काल मे जारी लूट एवम शिक्षा के व्यापारीकरण पर चुप्पी साधे केंद्र और प्रदेश सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिये जिलाधिकारी कार्यालय पर यज्ञ का आयोजन किया जिसमे अभिभावको ने यज्ञ के हवन कुंड में प्रज्वलित अग्नि एवम मंत्रों के उच्चारण  से प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अदित्यनाथ योगी तक अपनी पीड़ा पहुचाने के लिये 10 सूत्रीय मांगों के निवारण के लिये जिला अधिकारी को ज्ञापन भी सौपा जो इस प्रकार है 

1 - कोरोना काल मे लगभग 18 महीने से भी ज्यादा समय से बंद रहे प्रदेश के निजी स्कूलो की फीस ऑन लाइन शिक्षा के आधार पर निर्धारित कर निजी स्कूलो द्वारा वसूली गई पूरी फीस से ऑन लाइन शिक्षा की निर्धारित फीस वापस करने का आदेश पारित किया जाये ।

2 - कोरोना की वैश्विक महामारी में प्रदेश के निजी स्कूल जिनके पास कोरोडो रुपयो के रूप में सरप्लस फण्ड मौजूद है जिसकी सत्यता की पुष्टि निजी स्कूलों की पिछले 10 साल की बैलेंस शीट की जांच द्वारा की जा सकती है  साथ ही निजी स्कूल संचालको द्वारा स्कूल की एक शाखा से अर्जित प्रॉफिट से प्रदेश में अनेको स्कूल की शाखा खोल दी गई है बावजूद इसके इनको कोरोना से प्रभावित मान लिया गया और आम अभिभावक जिनकी इस वैश्विक महामारी से आर्थिक रूप से कमर टूर चुकी है को नजरअंदाज कर निजी स्कूलों को पूरी फीस वसूली करने का मौका दिया गया क्या यह प्रदेश के अभिभावको के साथ अन्याय नही है कृपया पुनः विचार करे ।

3 - प्रदेश के सरकारी स्कूलो को विश्वस्तरीय बनाया जाये साथ ही प्रदेश मे सीबीएसई बोर्ड से मान्यतप्राप्त ज्यादा से ज्यादा सरकारी स्कूल खोले जाये जिससे कि प्रदेश के अभिभावको को इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलो में बच्चो को भेजने का विकल्प मिल सके और निजी स्कूलो पर निर्भरता कम हो सके ।

4 - प्रदेश के प्रत्येक सांसद और विधायक को 5 सरकारी स्कूल गोद देकर उनकी दशा सुधार विश्वस्तरीय बनाने की  जिम्मेदारी दी जाए जिससे कि प्रदेश के सरकारी स्कूलो का कायाकल्प हो सके  ।

5 - प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक -एक सैनिक स्कूल खोला जाये जिससे कि प्रदेश के बच्चों द्वारा राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाई जा सके ।

6 - शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के कारण निजी स्कूलो द्वारा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार ( आर. टी.ई) के तहत चयनित बच्चो को  एडमिशन नही दिए जाने पर ऐसे स्कूलो की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए साथ ही शासन्देश का पालन नही करवाने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाए ।

7 - अधिकारियों और निजी स्कूल संचालको की मिलीभगत के कारण प्रदेश में बने फीस अधिनियम 2018 का दूरउपयोग करते हुये प्रदेश के निजी स्कूलो द्वारा ट्यूशन फीस में वार्षिक शुल्क सहित अन्य शुल्कों को जोड़कर कंपोसिट फीस बना दिया गया जिसके कारण फीस कम होने की बजाए बढ़ गई और फीस अधिनयम 2018 का प्रदेश के अभिभावको को कोई लाभ नही मिला प्रदेश के निजी स्कूलो की मनमानी बदस्तूर जारी है आप से निवेदन है कि जिले में गठित जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति के अध्य्क्ष जिलाधिकारी को सख्त आदेश कर वार्षिक शुल्क सहित अन्य शुल्कों को ट्यूशन फीस से अलग कर फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने का आदेश पारित किया जाये 

8 - उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले मे जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति गठित करने के आदेश पारित कर उच्चस्तरीय निगरानी कमेटी का भी गठन किया जाए जिससे कि अधिकारियों और निजी स्कूल संचालको की मिलीभगत पर अंकुश लगाया जा सके और प्रदेश के अभिभावको को फीस अधिनियम 2018 का लाभ मिल सके ।

9 - प्रदेश के निजी स्कूलो में छात्र / छत्राओ के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली सस्ती एवम सुलभ एनसीईआरटी की पुस्तकें (पाठ्यक्रम ) सुनिश्चित किया जाए 

10 - प्रदेश के निजी स्कूलो का रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट से हटा कर कंपनी एक्ट में संशोधित करने का आदेश पारित किया जाए क्योंकि प्रदेश के निजी स्कूलो द्वारा शिक्षा को समाज सेवा की बजाय शिक्षा का व्यापार बना  कर अंधाधुन्द प्रॉफिट अर्जित किया जा रहा है जिस पर लगाम अतिआवश्यक है ।

यज्ञ पूर्ण होने पर जीपीए द्वारा चने और हलवे का प्रशाद वितरण जिलाधिकारी कार्यलय सहित उपस्थित समस्त अभिभावको को किया गया और प्रतिज्ञा ली गई कि जब तक सरकार निजी स्कूलों की लूट एवम शिक्षा के व्यापारीकरण पर अंकुश नही लगती तब तक न्याय के लिए लड़ाई इसी तरह जारी रहेगी इस मौके पर सतपाल चौधरी , अनिल सिंह , उषा , साधना सिंह , रजनी , नवीन राठौर , मनोज वर्मा , जसवीर रावत , नरेश कसोना , ललित कुमार , दिनेश खन्ना , निकुंज डोगरा , मनीष शर्मा , अमित चौधरी ,डॉ राजीव शर्मा , हरेंद्र नेगी , पुष्कर नेगी , जगदीश पटवाल , एवम भारी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे
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