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गाजियाबाद :- जनपद में 190 गैंग चिन्हित हैं। इन गंगों के 292 बदमाश लापता हैं। जिन्हें कई अभियान चलाने के बाद भी पुलिस खोज नहीं पा रही है। ये बदमाश अन्य प्रांतों की जेलों में बंद हैं या मर खास चुके हैं। इसकी खबर जवाब पुलिस के पास नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज 190 गैंग के 835 बदमाश जिले में सक्रिय हैं। इनमें जिलास्तर के 185 गैंग हैं, जिसके 795 बदमाश पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। इसके अलावा 5 गैंग अंतरजनपीदय हैं, जिनके 540 बदमाश चिन्हित हैं। पुलिस रिकॉर्ड में शहरी क्षेत्र के 133 गंगों के 538 बदमाश चिन्हित हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 57 गैंग के 297 बदमाश सक्रिय हैं। जिले में 96 गैंग लूटपाट की वारदात में लिप्त हैं। दूसरे नंबर पर चोरी करने वाले 29 गैंग चिन्हित हैं और तीसरे नंबर पर छिटपुट घटनाएं करने वाले 27 गैंग हैं। जब कि हत्या करने वाले 19 और डकैती डालने वाले 12 गैंग भी चिन्हित हैं।

सबसे ज्यादा लापता बदमाश मुरादनगर और कविनगर के
जिले में 292 बदमाश लापता हैं। सबसे ज्यादा 39 बदमाश मुरादनगर और 37 बदमाश कविनगर के हैं। इसके अलावा कोतवाली के 18, विजयनगर के 29, सिहानी गेट के 32, इंदिरापुरम के 34, साहिबाबाद के 19, लिंक रोड के 13, लोनी के 15, ट्रॉनिका सिटी के 2, मसूरी के 29, मोदीनगर के 19 शामिल हैं। 

नहीं होती है प्रभावी कार्रवाई
इस वर्ष बदमाशों ने एक करोड़ की डकैती से लेकर तिहरे हत्याकांड तक को अंजाम दिया। लेकिन पुलिस बदमाशों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकी 9 महीनों में कार्रवाई के नाम पर 110जी के तहत 29 कार्रवाई हुई। एनएसए की एकमात्र कार्रवाई बुजुर्ग की दाड़ी काटने के मामले में सपा नेता उम्मेद पहलवान पर की गई।

सांसी गैंग लूटपाट और वारदात के दौरान हत्या की घटनाओं को भी अंजाम देता है।
ठक-ठक गैंग कार सवार लोगों को भ्रमित करके सामान चोरी कर लेता है। अपंक्चर गैंग गाड़ी के टायर पंक्चर करके चालक को बताता है। गाड़ी साइड होते ही सामान साफ कर देता है।

गुड मॉर्निंग गैंग मॉर्निंग वॉक पर निकलने वालों से लूटपाट करता है। ऑटो गैंग सवारियों को सुनसान इलाके में ले जाकर लूटपाट करता है। नकली पुलिस गैंग खुद को पुलिसवाला बताकर लोगों में भय पैदा करने के बाद घटनाएं करता है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश वारदातों का खुलासा कर अपराधियों को जेल भेजा गया है। वर्तमान में विभिन्न गिरोहों के 264 बदमाश जेल में हैं, जबकि 24 की मौत हो चुकी है। लापता बदमाशों के लिए पूर्व में ऑपरेशन दस्तक चलाया गया। इसके तहत बीट स्तर पर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की मौजूदा स्थिति जांची गई लापता बदमाशों को तलाशने की भरसक कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
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