रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग की ओर से जैविक खाद तैयार करने के लिए खास तरह की बायो कंपोस्ट यूनिट तैयार की गई है.एचओडी डॉ डी एस मालिक का कहना है कि केमिकल से बने फर्टिलाइजर के नुकसान के चलते लोग जैविक कृषि के प्रति जागरूक हो रहे हैं. इसलिए अब कई युवा भी इस तकनीक के सहारे व्यवसाय करना चाहते हैं. इसलिए कई विद्यार्थी भी वर्मी कंपोस्ट विषय पर यूनिवर्सिटी में शोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि भविष्य में यह स्वरोजगार का भी एक अच्छा साधन बनेगा.        

यूनिवर्सिटी के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी परिसर में ही बायो कंपोस्ट यूनिट का एक मॉडल तैयार किया गया है जिसमें यूनिवर्सिटी में निकलने वाले कूड़ा करकट से जैविक खाद तैयार की जा रही है. वर्मी कंपोस्ट तकनीकी से तैयार ये जैविक खाद ना सिर्फ भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती है बल्कि इससे फसल भी अधिक पौष्टिक होती है. ज्यादा फसल उत्पादन करने के लिए कई नुकसानदायक केमिकल से बनी फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है जो लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं. ऐसे में गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी ने जैविक कृषि से लोगों को जोड़ने की एक खास पहल की है.
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