रिपोर्ट :- विकास शर्मा


गाजियाबाद :- उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से   तीन धाम श्री केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट शीतकालीन हेतु बंद हो चुके हैं। चौथे धाम श्री बद्रीनाथ जी के कपाट 20 नवंबर को सायं बंद हो रहे हैं। ऐसे में श्री बद्रीनाथ जी के इस साल के अंतिम दिनों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में श्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। 

विदित हो पिछले 2 साल से कोरोना महामारी के चलते चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड सरकार ने रोक लगाई हुई थी। इस साल सरकार ने कोरोना नियमों के साथ यात्रा की शुरुआत की है। राज्य में चार धाम यात्रा उत्तराखंड व्यापारी वर्ग का आय का प्रमुख स्रोत है। चार धाम यात्रा आरंभ होने से राज्य में आय के स्रोत के साथ-साथ व्यापारी वर्ग में आय का प्रमुख स्रोत मानी जाती है। जहां चारधाम यात्रा में भक्तों को दर्शनों का लाभ मिल सकेगा। वही यात्रा से जुड़े व्यापार में भी वृद्धि होने से कोरोना काल में मायूस व्यापारियों में आशा की एक नई किरण का संचार होगा।                   

चार धाम के कपाट आगामी 6 माह के लिए देवपूजा हेतु बंद हो जाते हैं। ऐसे में श्रद्धालु लोग बड़ी संख्या में बद्रीनाथ धाम पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ का दर्शन कर रहे हैं। श्री बद्रीनाथ धाम में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। श्री बद्रीनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी श्री सत्यव्रत तथा मनोहर ने बताया कि आगामी 20 नवंबर के अंतिम दर्शन उपरांत भगवान श्री बद्रीनाथ जी की डोली छह माह शीतकाल हेतु विधिवत पूजा पाठ के साथ जोशीमठ (पांडुकेश्वर) में स्थापित हो जाएगी।
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