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गाजियाबाद :- जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर एवं डासना देवी मंदिर के महंत यति नरहिंसानंद गिरी पर गुंडा एक्ट लगाने के लिए पुलिस की ओर से भेजी गई फाइल हंगामा होते ही प्रशासन ने लौटा दी है। पुलिस -प्रशासन के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं। पुलिस ने दोबारा फाइल भेजी भी नहीं है। एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह का कहना है कि उनके पास फाइल आई ही नहीं।

मसूरी थाना पुलिस ने फाइल 20 अक्तूबर को एसडीएम सदर के पास भेजी थी। इसका पता चलते ही महंत के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। महंत ने चेतावनी दी कि वह डीएम दफ्तर पहुंचकर धरना देंगे। 26 को एसडीएम ज्ञापन लेने के मंदिर पहुंच गए थे। उसी दिन वीडियो वायरल हुई जिसमें महामंडलेश्वर अफसरों के बारे में अमयार्दित टिप्पणी करते बताए गए। इस पर शासन ने प्रशासन के अधिकारियों से मामले की जानकारी की। इसी के बाद 26 की शाम को फाइल पुलिस को लौटा दी गई। पुलिस ने गुंडा एक्ट लगाने की संस्तुति के साथ दलील दी थी कि यति नरसिंहानंद पर 13 मामले दर्ज हैं। उनके बयानों के सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा रहता है। पुलिस ने वर्ष 2016-17 में भी महंत यति नरसिंहानंद गिरी पर गुंडा एक्ट लगाने की फाइल भेजी थी, लेकिन तब प्रशासन ने उसे लौटा दिया था।

सवाल-सोशल मीडिया के मामलों में गुंडा एक्ट लगेगा या नहीं
फाइल वापस करने के पीछे प्रशासन ने दलील दी है कि इसमें कई खामियां थीं। पुलिस से सवाल किया है कि यति नरसिंहानंद पर एक केस सोशल मीडिया पर महिलाओं के बारे में अशोभनीय टिप्पणी का है। क्या इस पर गुंडा एक्ट बन सकता है। यह कार्रवाई ऐसे मामलों में होती है जिनसे कोई क्षेत्र प्रभावित होता हो।

पवन कुमार, एसएसपी गाजियाबाद
खुद देखूंगा गुंडा एक्ट की फाइल एसडीएम ऑफिस से वापस की गई गुंडा एक्ट की फाइल में उसमें कुछ बिंदु स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। फाइल को मैं खुद देखूंगा। विधिक राय लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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