रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- नये कृषि कानून की वापसी को लेकर पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के आज खत्म होने का ऐलान कर दिया गया है। दिल्ली के सभी बॉर्डर से किसान टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की सिंघु बॉर्डर पर एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है।  11 दिसम्बर को किसान अपने घर को वापस चले जाएंगे। बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार ने किसानों की सभी मांग को मन ली है। आज संयुक्त किसानों ने बैठक कर इस फैसले का ऐलान किया है। किसानों ने इसे लेकर सभी समर्थकों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई एक साल से ज्यादा तक चला लेकिन हमारी जीत हुई। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने 'सरकार की ओर से जो चिट्ठी मिली है उस पर सयुक्त किसान मोर्चे ने सहमाती बन गई। फिलहाल के लिए आंदोलन को समाप्त किया जा रहा है, सरकार हमारी मांग में जरा भी हेराफेरी होगी तो फिर हम बैठक कर आन्दोलन का फैसला ले सकते है। 

बता दें कि SKM के तहत आने वाले 32 किसान संगठनों ने बुधवार को दिए गए सरकार के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है जिसमें आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी पुलिस मामलों को वापस लेने की मांग भी शामिल है। फिलहाल केन्द्र सरकार की तरफ से किसानों को लिखित आदेश मिल गया है। किसानों ने 13 दिसम्बर को स्वर्ण मंदिर जाने का ऐलान किया है बाद में 15 को एक समीक्षा बैठक करेंगे। 

किसानों की प्रमुख मांग:-
1- केंद्र सरकार MSP की गारंटी पर समिति बनाए जिसमें SKM से किसान नेता शामिल होंगे 
2- देश भर में हुए किसानों पर मुक़दमे वापस लेगी सरकार 
3- सरकार मृत किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार देगी मुआवजा।
4- पराली जलाने वाले किसानों पर नहीं होगी कोई कार्रवाई। 
वहीं संयुक्त  SKM इसे  लेकर केन्द्र सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही इन मुद्दों को सुलझाया नहीं गया तो हम आनदोन के लिए फिर बांध्या होंगे। 
Previous Post Next Post