रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- यूपी विधानसभा चुनाव 2022 करीब आता जा रहा है, ऐसे में कई बड़े नेताओं ने बसपा का दामन छोड़कर अन्य बड़ी पार्टियों से हाथ मिला लिया है। जिससे बसपा का जातीय समीकरण का गणित बिगड़ता जा रहा है। पार्टी ने इस बार सबसे पहले ब्राह्मण वोट का दांव खेला था, लेकिन विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार का जाना बसपा के लिए बड़ा झटका है। वहीं अब मायावती सुरक्षित सीटों को लेकर चितिंत नजर आ रही हैं। जो मायवती के इन ट्वीट में साफ झलक रही है।

मायावती ने बुधवार से सुरक्षित सीटों पर शुरू हो रहे पार्टी के मंडल स्तरीय सम्मेलन में सहयोगी की अपील करते हुए ट्वीट कर लिखा ‘‘ मेरे निर्देशन में यूपी के सभी जिलों में प्रबुद्ध वर्ग सुरक्षा, सम्मान व तरक्की को लेकर संगोष्ठी करने के बाद अब बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद एससी मिश्र द्वारा यूपी की रिजर्व सीटों पर सर्वसमाज के मण्डल स्तरीय सम्मेलन आज से प्रारंभ। सभी से पूर्ण सहयोग की अपील।''  

उन्होंने कहा ‘‘ इसी क्रम में आज पश्चिमी यूपी के सहारनपुर मण्डल से प्रारंभ होकर पूरे यूपी में होने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों पर आधारित सरकार बनाने हेतु सुरक्षित विधानसभा सीटों पर मण्डल स्तरीय जनसभा के जरिए सर्वसमाज को भाईचारा के आधार पर जोड़ना है।''        
गौरतलब है कि बसपा ने इससे पहले प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का आयोजन किया था। ब्राहृमण और अन्य सवर्णो को पार्टी से जोड़ने के लिए आयोजित इन सम्मेलनों की अध्यक्षता भी बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने की थी। यूपी में कुल 86 आरक्षित हैं, जिनमें 84 सीटें अनुसूचित जाति के लिए हैं तो दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए हैं। मायावती की कोशिश है कि इन सीटों पर दलित वर्ग के वोटों के साथ अगर दूसरी अन्य जातियों के वोटों का साथ मिल जाए तो बात बन जाएगी।
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