रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 26 फरवरी को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय बजट वेबिनार का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित बजट के बाद वेबिनार की श्रृंखला में यह पांचवां वेबिनार है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के स्वास्थ्य पेशेवर और पैरा-मेडिक्स, नर्सिंग, स्वास्थ्य प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के पेशेवर उपस्थित थे।

शुरुआत में, प्रधान मंत्री ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को बधाई दी, जिसने भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की दक्षता और अपने लक्ष्य को पाने के समर्पण को विश्व में एक नया स्थान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बजट बीते 7 साल से हेल्थकेयर सिस्टम को सुधारने और परिवर्तित करने के हमारे प्रयासों को आगे ले जाने के लिए बल देता है। हमने अपने हेल्थकेयर सिस्टम में एक सबके लिए सोच वाली नीति को अपनाया है।

इस वेबिनार में यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कौशांबी की निदेशक डॉ उपासना अरोड़ा ने भी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर एक पैनल चर्चा में अपने विचार प्रस्तुत किए। इस पैनल डिस्कशन में वी.के. पॉल (नीति आयोग), डॉ. प्रवीण गेदम, अतिरिक्त सीईओ, एनएचए, डॉ. देवी शेट्टी (अध्यक्ष, नारायण स्वास्थ्य), अमीरा शाह (एमडी, मेट्रोपोलिस लैब), डॉ हर्ष महाजन (अध्यक्ष, नैटहेल्थ), श्री राजीव वासुदेवन, सीआईआई और अयूर वैद ने इस विषय पर चर्चा की और अपनी टिप्पणियां और सुझाव दिए। 

वेबिनार के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ उपासना अरोड़ा ने कहा कि डिजिटलाइजेशन की मदद से मरीजों को डॉक्टर, अस्पताल या नजदीकी ट्रॉमा सेंटर चुनने में आसानी होगी। मरीजों के लिए यह भी सुविधाजनक होगा कि जब वे अलग-अलग शहरों की यात्रा करेंगे और मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड देश भर के सभी शहरों में उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि हब एंड स्पोक मॉडल के अनुसार बड़े शहरों/बड़े अस्पतालों में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर दूर-दराज के क्षेत्रों में जरूरतमंद मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श कर सकते हैं। कोविड के समय हम पहले ही देख चुके हैं कि यह टेलीमेडिसिन एक सिद्ध मॉडल के रूप में काम करता है जहां मरीज जो अस्पताल नहीं जा पा रहे थे, वे इसका उपयोग बहुत आसानी से कर रहे थे। 

डॉ उपासना अरोड़ा ने आगे कहा कि वह आज पीएम मोदी की बातचीत से प्रेरित हुईं और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लक्ष्य की परिकल्पना में वह अपने अस्पताल के एक विंग को आयुष्मान भारत योजना के लिए समर्पित करने की घोषणा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा क्योंकि इसमें और अधिक आईटी इंजीनियर और संबंधित पेशेवर शामिल होंगे। एक पोर्टल के तहत एकत्र किया गया स्वास्थ्य डेटा अनुसंधान के लिए उपयोगी होगा, रोग की समस्त जानकारी और इसके पैटर्न का पता लगाने के लिए और वैज्ञानिक और सरकार इसके उचित समाधान के लिए इस डाटा का उपयोग कर सकते हैं।

2021 में भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटल हेल्थ आई डी योजना को लॉन्च किया था जिस पर विस्तार से चर्चा की गयी, देश के हर शख्स का एक डिजिटल हेल्थ आई डी जल्दी बन सके जिससे इस कार्ड की मदद से देश में मौजूद किसी भी अस्पताल में किसी भी डॉक्टर से लोग अपना इलाज करा पाएं इस बात पर बल दिया गया। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के क्रियान्वयन पर सरकारी और निजी सेक्टर की भागीदारी पर भी जोर दिया गया जिससे इस योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके।
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