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गाजियाबाद :- सामाजिक संगठन बी आन लाइट अप्प दीपो भव के तत्वावधान में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर नालंदा स्थित नव नालंदा महाविहार विश्व विद्यालय का स्वरूप बचाने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्मृति में नालंदा में नव नालंदा महाविहार विश्वविद्यालय की नींव भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद और भिक्खु जगदीश कश्यप ने की थी।
इस विश्वविद्यालय में विश्व के कई देशों से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन विवि. मे बौद्ध दर्शन पर आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है।ज्ञापन में कह गया है कि मंत्रालय से मिले फंड का दुरुपयोग वी सी वैद्यनाथ लाभ द्वारा किया जा रहा है। छात्रों और शिक्षा की गुणवत्ता बढाने की तरफ को कदम नहीं उठाया गया है।
बौद्ध दर्शन पर आधारित विश्वविद्यालय में वैदिक संस्कृति की देवी सरस्वती का मंदिर बनाया जा रहा है जो विवि के उद्देश्य के एकदम खिलाफ है।संस्था बी आन लाइट ने विश्वविद्यालय का स्वरूप बनाए रखने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा न किए जाने पर वृहद स्तर पर आन्दोलन शुरू किया जायेगा। ज्ञापन की प्रतिलिपि बौद्ध देशों के दूतावास को भी भेजी गई हैं।
इस अवसर पर सुशील गौतम, जुगनू गौतम, तरंग बौद्ध सुरेश कर्दम एडवोकेट, नवनीत कुमार तीर्थ एडवोकेट, हरेंद्र कुमार गौतम एडवोकेट, रवि करण एडवोकेट, रीना बौद्ध, शशिबाला एडवोकेट, प्रणवीर सिंह ब्यास, जितेंद्र गौतम आदि प्रमुख लोग मौजूद रहे।