रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- समाज सेवी प्रवीन भाटी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम संकेतक एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। निवेश होगा तो उद्योग, काम धंधे फलेंगे फूलेंगे और ये बढ़ेंगे तो रोजगार के अवसर बनेंगे। योगी सरकार एक  साथ कई मोर्चों पर कार्य करती रही है। एक ओर तो योगी सरकार ने बड़े उद्योग-धंधे लगाने के लिए बड़े निवेश को आकर्षित करने की जमीन तैयार की वहीं छोटी-छोटी इकाइयों का जाल बिछाकर छोटे-मोटे काम के लिए समाज में बिल्कुल निचले पायदान पर रह रहे लोगों के जीवन में  सहज-स्वाभाविक रूप से संपन्नता लाने पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि इसी का  परिणाम है कि सरकारी स्तर पर एमएसएमई (सूक्ष्म एवं लद्द इकाइयां ) को प्रोत्साहित किया गया। इस क्षेत्र में 1.5 लाख नई इकाइयां खोली गई और सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में ऐसी 82 लाख इकाइयों को ऋण देकर समाज को एक मजबूत आर्थिक आधार देने की कोशिश की। वैसे ही, "एक जिला एक उत्पाद" योजना भी खास तौर पर विकास-दौड़ में पीछे छूट गए लोगों को सबल, सक्षम बनाने की योजना है जो कोरोना काल में घर लौट आए करीब 40 लाख लोगों के लिए कआजीविका का 

स्रोत बन रही है। 
रक्षा गलियारा अपने आप में इतनी बड़ी योजना है जो राज्य ही नहीं, पूरे देश की अथंव्यवस्था का कायापलट कर सकती है। रक्षा साजो-सामान के लिए मोटे तौर पर आयात पर निर्भर रहने वाला देश उस दौर में प्रवेश करने जा रहा है जहां वह इनका बड़ा निर्यातक बनेगा और इस मामले मोदी सरकार की इस योजना को असली जामा पहनाने का बीड़ा उत्तरप्रदेश ने उठाया है। कोई सरकार अपने कार्यकाल में क्या कुछ कर सकती है और कैसे चुनौतियों से घिरे वर्तमान का मजबूती से सामना करते हुए लोगो का खुशहाल, संपन्न और भयमुक्त जनजीवन दे सकती है, इसका उदाहरण है योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यह सरकार।
        
प्रवीन भाटी ने बताया कि उत्तरप्रदेश को लोकमंगल की दृष्टि, चारित्रिक दृढ़ता, विवेकपूर्ण निर्णय,निरंतर कर्म करने वाला नेतृत्व मिला तो काम का मुकाम मिला।इस नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश को आज बीमारू और माफिया प्रदेश से अपराधमुक्त,भयमुक्त, सुव्यवस्थित,आथिक रूप से मजबूत और आशा एवं प्रेरणा के केंद्र के रूप में परिवर्तित कर दिया है।आज उत्तरप्रदेश की जनता भी भली भांति जानती है की अगर उत्तरप्रदेश को सोभग्याम आरोग्यम्म प्रदेश में तब्दील करना है तो यह कार्य केवल और केवल माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के कुशल नेतृत्व में ही संभव है।


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