रिपोर्ट :- नासिर खान

लखनऊ :- उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से नव निर्वाचित सभी 36 सदस्यों को मंगलवार को सदस्यता की शपथ दिलाई गई। विधान भवन के तिलक हाल में विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने मंगलवार को स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से नव निर्वाचित 36 सदस्यों को सदस्यता की शपथ दिलाई। सभी सदस्यों ने हिंदी में शपथ ली। शपथग्रहण के बाद कई सदस्यों ने ‘भारत माता की जय' और ‘जय श्रीराम' के नारे लगाये।

शपथ लेने वालों में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री एवं रायबरेली से निर्वाचित दिनेश प्रताप सिंह समेत भाजपा के सभी सदस्यों के अलावा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से प्रतापगढ़ से जीते अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी, वाराणसी से निर्दलीय निर्वाचित अन्नपूर्णा सिंह तथा आजमगढ़ से निर्दलीय निर्वाचित विक्रांत सिंह रिशू ने भी शपथ ली। अक्षय प्रताप सिंह अभी हाल ही में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में अदालती फैसले के बाद सुर्खियों में आये थे। यह मामला अदालत में चल रहा है।

शपथ ग्रहण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष व जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह से पहले सभापति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि विधान परिषद की 36 सीटों के लिए अभी हाल ही में निर्वाचन संपन्न हुआ था। 36 सीटों के चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पहले ही निर्विरोध चुने गये थे, जबकि 9 अप्रैल को 27 सीटों पर मतदान हुआ था। 12 अप्रैल को मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने इनमें से 24 सीटें जीत ली। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी, आजमगढ़ और प्रतापगढ़ सीट पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। इस तरह भाजपा ने 36 में से कुल 33 सीटें जीतीं। भाजपा जो 3 सीटें नहीं जीत पाई उनमें 2 निर्दलीय और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के एक उम्मीदवार चुनाव में विजयी हुए।

इसके साथ ही 100 सदस्यीय विधान परिषद में भी भाजपा का बहुमत हो गया है और अब उसके सदस्यों की संख्या 67 हो गई है। सदन में सपा के 17 और बसपा के चार, तथा कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। शिक्षक समूह में 2 एमएलसी हैं जबकि स्वतंत्र समूह (निर्दल समूह) और निर्दलीय के पास एक-एक एमएलसी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जबकि नेता प्रतिपक्ष रहे सपा के अहमद हसन का इस साल फरवरी में निधन हो गया था।
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